जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव विनेश शर्मा का कहना है कि बिना परीक्षा के प्रमोट करना बेहद गलत और चिंताजनक है। इससे बच्चों की नींव कमजोर होगी। जिम्मेदारी को कमतर आंकने के साथ जो योग्य बच्चे हैं, उनको यथोचित सम्मान नहीं मिल सकेगा।
नागौर के दसवीं सीबीएएई बोर्ड की परीक्षा की तैयारी में जुटे रक्षित इसे गलत बताते हैं, उसका कहना है कि उसने अच्छी तैयारी की थी, जबकि राजेश, मुनमुन और वर्षा को बिना परीक्षा दिए प्रमोट होना बेहतर लग रहा है। राजस्थान बोर्ड की ग्यारहवीं कक्षा की अलका और सुनंदा भी कहती हैं कि कोरोना के चलते पढ़ाई तो हो नहीं पाई, स्कूल ही नहीं चले फिर परीक्षा का क्या फायदा।