फरवरी माह में लागू हो जाएगी आईसीडीएस पंचायत समिति परियोजनाएं,-वर्ष 2016 में केबिनेट स्तर पर सहमति दिए जाने के बाद भी मुख्यालय ने इसे भंग कर लागू करने में लगा दिए तीन साल, अब पंचायत समितिवार ही ही आंगनबाड़ी केन्द्रोंं की जांच लिए तैनात होंगे परियोजनाधिकारी, नागौर जिले में मकराना शहरी एवं डीडवाना शहरी थी परियोजना
नागौर•Jan 24, 2019 / 10:13 pm•
Sharad Shukla
where will get the file to Education Department
नागौर. समेकित एवं महिला-बाल विकास की ओर से पंचायतवार परियोजना फरवरी के पहले से दूसरे सप्ताह में शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं। नई परियोजनाओं के तहत केन्द्रों के रिकार्डों के रखरखाव की व्यवस्था नई परियोजना के तहत किए जाने का काम तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही विभाग की ओर से वेबवाइट पर भी नई परियोजना के तहत बने केन्द्रों के हिसाब से ही रिकार्डों का संधारण भी शुरू कर दिया गया है। केबिनेट स्तर पर वर्ष 2016 में ही इसे भंग किए जाने की मंजूरी दिए जाने के बाद भी निदेशालय स्तर पर यह मामला अटका हुआ था। इसकी अधिकारिक घोषणा के बाद अब शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के केन्द्रों की जांच संबंधित क्षेत्रों के परियोजनाधिकारी खुद ही कर सकेंगे।
प्रदेश में करीब दस साल से भी ज्यादा समय से संचालित आईसीडीएस शहरी परियोजना भंग होने के बाद अब फिर से बेहाल होते आंगनबाड़ी केन्द्रों के हालात बदलने के आसार नजर आने लगे हैं। शहरी परियोजना की विसंगतियों की वजह से परियोजनाधिकारियों के न तो केन्द्रों में निरीक्षण हो पाते थे, और न ही केन्द्रों में कोई मामला होने पर अधिकारी पहुंच पाते थे। योजना की विसंगति की वजह से कई केन्द्र बंद हो गए। इस संबंध में मुख्यालय से पूर्व में जिलों के उपनिदेशकों से शहरी परियोजना की विसंगतियों पर मांगी गई सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय स्तर पर इसे चार से पांच साल पूर्व ही इसे समाप्त किए की सिफारिश की गई थी। वर्ष 2016 में इस सिफारिश पर चर्चा के लिए हुई केबिनेट स्तरीय बैठक में भी इसे भंग किए जाने की मंजूरी दे दी गई थी। इसके बाद से मुख्यालय स्तर पर यह मामला लंबित चल रहा था।