नागौर जिले के गांवों में भी अब बच्चे सरस का दूध पिएंगे
नागौर•Aug 23, 2018 / 11:33 am•
Sharad Shukla
Guinani school again operated in single innings
नागौर. जिले के ग्रामीण क्षेत्र के राजकीय शिक्षण संस्थानों में भी सरस डेयरी दूध की आपूर्ति करेगी। इसके लिए डेयरी प्रशासन की ओर से सर्वे एवं स्कूलों के भौगोलिक स्थिति को देखने के लिए दो टीमें गठित कर दी गई है। यह टीम विभिन्न ब्लॉकों में सुविधानुसार सरस की ओर से दुग्ध आपूर्ति करने वाले प्रतिनिधियों की तैनातगी करने का काम करेगी। इस संबंध में शिक्षण संस्थानों से प्राप्त सूची एवं विद्यालयों में वर्तमान में अध्ययनरत बच्चों की स्थिति का भी आकलन किया जा रहा है। इतनी कवायद करने के बाद डेयरी की ओर से जल्द ही फिर दूध की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। शहर के स्कूलों में सरस की ओर से दूध आपूर्ति का सफल प्रयोग होने के बाद अब गांवों के स्कूल में भी सरस से दूध लिए जाने के संकेत शिक्षा विभाग ने दिए हैं। गांवों में निजी स्तर पर दूध आपूर्ति के दौरान होने वाली कई अड़चनों को देखते हुए अब गांवों में दूध सरस डेयरी से लिया जाएगा। शिक्षा विभाग को इस संबंध में डेयरी की ओर से फिलहाल प्रारंभिक स्तर पर अपनी मौखिक सहमति दे दी गई है। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दूध आपूर्ति होने की स्थिति में सरस को प्रतिदिन ढाई लाख से ज्यादा बच्चों को दूध की आपूर्ति तय समय पर करनी पड़ेगी। इस माह के बाद अगले माह में एक सितंबर से रोजाना दूध की आपूर्ति करने के आदेश पहले ही निदेशालय स्तर से आ चुके हैं। डेयरी प्रशासन की ओर से शहर एवं गांवों में रोजाना ढाई लाख से ज्यादा बच्चों को दूध आपूर्ति करना सहज नहीं है। इसके लिए डेयरी प्रशासन की ओर से फिलहाल प्रारंभिक रूपरेखा तैयार कर ली गई है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद दूध की आपूर्ति जल्द ही शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए जाएंगे। डेयरी प्रशासनक की ओर से दूध आपूर्ति के दौरान प्रतिदिन की गतिविधयों पर नजर रखने के साथ ही इनकी रोजाना की रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिला स्तर पर गठित टीमें पूरी सूचनाएं प्रभारी अधिकारी को देंगे। आपूर्ति की व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए ब्लॉकवार दो-दो प्रतिनिधियों की तैनातगी सरस करेगी। इन्हीं प्रतिनिधियों के माध्यम से दूध की आपूर्ति की जाएगी।
तो फिर करेंगे कार्रवाई
दुग्ध आपूर्ति की व्यवस्था पर सामंजस्य बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग एवं सरस डेयरी प्रशासन के अधिकारी परस्पर संपर्क में रहेंगे। संस्था प्रधानों के पास भी एजेंट एवं संबंधित क्षेत्र के पर्यवेक्षकों के मोबाइल नंबर भी मौजूद रहेंगे। ताकि दुग्ध आपूर्ति में कोई अड़चन होने अथवा अन्य तकनीकी समस्या के होने पर उसका अविलंब समाधान किया जा सके। इससे बच्चों की दूध आपूर्ति की व्यवस्था यथावत बनी रहेगी।
इनका कहना…
&शहर की तर्ज पर गांवों के स्कूलों में भी सरस की ओर से दूध की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई है। फिलहाल इस संबंध में जिले के राजकीय शिक्षण संस्थानों में बच्चों की वास्तविक संख्या एवं भौगोलिक स्थिति के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है।
किशनलाल भींचर, चेयरमैन, जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ नागौर