हो सकता है बड़ा हादसा
सड़कों पर नालों के ढक्कन का लेवल सड़क के बराबर है। ऐसे में अगर कोई वाहन चालक रात्रि के समय अंधेरे में ओवरटेक करने का प्रयास करता है तो हादसा होना तय है। दुपहिया वाहन तो सीधे नाले में ही समा जाएगा। कुछ नालों पर खानापूर्ति के लिए बेरिकेड्स लगाकर कत्र्तव्य की इतिश्री की जा रही है। शहर के भीतरी भागों व कॉलोनियों में बरसात के समय इन खुले नालों में मवेशियों के गिरने की घटनाएं हो चुकी है। इसके बावजूद जिला प्रशासन व नगर परिषद गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। खुले नालों में कोई दुपहिया वाहन चालक गिर जाए तो उसका कई दिनों तक पता भी नहीं चलेगा।
इन स्थानों पर स्थिति खतरनाक
खुले नाले मवेशियों के साथ आम आदमी के लिए भी मौत के कारण बन सकते हंै। शहर के विजय वल्लभ चौराहा, डीडवाना रोड, मच्छियों का चौक, हनुमान बाग, तिगरी बाजार, काठडिय़ा का चौक, अजमेरी गेट के पास, सूचना केन्द्र के पास, कृषि विभाग कार्यालय के सामने समेत शहर के अलग-अलग भागों में सीवरेज लाइन चैम्बर के ढक्कन गायब हैं तो कहीं खुले नाले हादसों को चुनौती दे रहे हैं। आलम यह है कि गत वर्ष विजय वल्लभ चौराहा के पास खुल नाले में ऊंट गिर गया था, लेकिन आज तक इस नाले को ठीक नहीं किया गया है।
बंशीवाला मंदिर के सामने खुले नाले की शिकायत जयपुर तक कर चुके हैं लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
विट्ठल प्रकाश, बंशीवाला, नागौर
खुले चैम्बर की वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं। कई बार नगर परिषद में बताने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कैलाश उपाध्याय, मच्छियों का चौक, नागौर
पिछले कुछ दिनों से नाले का ढक्कन गायब होने से हादसों की आशंका बनी रहती है। सूचना देने के बावजूद ढक्कन नहीं लगाया है।
नवीन जैन, मच्छियों का चौक, नागौर