नागौर

बाजरे के सिट्टों में लगी लट, बाजरी को कर रही चट

बाजरा की खड़ी फसल में लट लगने से उत्पादन पर पड़ेगा नकारात्मक असर – किसान बोले – जीवन में पहली बाद देखी बाजरे में लट- नागौर जिले में प्रमुख रूप से उगाया जाता है बाजरा

नागौरSep 28, 2020 / 12:25 pm

shyam choudhary

Outbreak of pest in millet crop

नागौर. ‘21वीं सदी का यह साल (2020) पता नहीं क्या-क्या दिखाएगा। शुरू में कोरोना महामारी आई, उससे लड़ ही रहे थे कि टिड्डी दलों ने हमला कर दिया। जैसे-तैसे करके खरीफ की फसलों को टिड्डी से बचाया तो अब कीट और लट का प्रकोप हो गया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जीवन में पहली बार बाजरे के सिट्टों में लट लगी हुई देखी है।’ यह पीड़ा सलेऊ के युवा किसान लोकेन्द्रसिंह ही नहीं, बल्कि जिले के उन सभी किसानों की है, जिन्होंने इस बार बाजरा व मूंग की खेती की। दोनों ही फसलों में इस बार कीट व लट का प्रकोप काफी अधिक देखा गया है। किसानों का कहना है कि मूंग में तो कीटनाशक का छिडक़ाव भी कर देते हैं, लेकिन बाजरा की फसल में कीटनाशक का छिडक़ाव करना भी संभव नहीं है। ऐसे में लट बाजरे के सिट्टों को चट कर रही है, जिससे बाजरे के उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि जिले में सबसे अधिक बुआई मूंग व बाजरा की होती है। इस बार कृषि विभाग ने खरीफ बुआई का लक्ष्य जहां 12 लाख 46 हजार हैक्टेयर का रखा था, उसमें अकेले मूंग का लक्ष्य 5.40 लाख हैक्टेयर तथा बाजरा का 3.40 लाख हैक्टेयर था, जिसकी तुलना में मूंग की बुआई 5 लाख 12 हजार 495 हैक्टेयर में तथा बाजरा की 2 लाख 90 हजार 918 हैक्टेयर में बुआई की गई, जबकि जिले में कुल बुआई 11 लाख 20 हजार 484 हैक्टेयर में हुई है। यानी पूरी खरीफ बुआई का 72 प्रतिशत बुआई मूंग व बाजरा की है और इन्हीं दोनों फसलों में कीट व लट का प्रकोप ज्यादा हुआ है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
नागौर जिले के खरीफ फसल आंकड़े
फसल लक्ष्य प्राप्ति
ज्वार – 50000 – 49490
बाजरा – 340000 – 290918
मूंग – 540000 – 512495
मोठ – 105000 – 65055
चवला – 8000 – 5103
मूंगफली – 17000 – 23355
तिल – 10000 – 13174
ग्वार – 115000 – 116922
कपास – 54000 – 40925
अन्य – 7000 – 3047
कुल – 1246000 – 1120484
(बुआई के आंकड़े हैक्टेयर में है।)
तिल व ग्वार की बुआई लक्ष्य से अधिक
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में इस बार तिल व ग्वार की बुआई लक्ष्य से अधिक हुई है। कृषि विभाग ने तिल की बुआई का लक्ष्य जहां 10 हजर हैक्टेयर का रखा, वहीं बुआई 13 हजार 174 हैक्टेयर में की गई, वहीं ग्वार का लक्ष्य एक लाख 15 हजार हैक्टेयर रखा गया, जिसके विरुद्ध एक लाख 16 हजार 922 हैक्टेयर में बुआई हुई। सुखद पहलू यह है कि दोनों ही फसलें इस बार अच्छी पनपी और उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
मौसम में लगातार नमी से लगा कीट
इस बार मौसम में लगातार नमी रहने से बाजरे की सिट्टों में लट का प्रकोप हो गया। प्रारम्भिक तौर पर सामने आया है कि पश्चिमी से पूर्व की ओर चलने वाले पतंग/तितली (कीट) भी इसकी प्रमुख वजह बने हैं। जब बाजरे के सीटे बनने लगे, उस समय तितली ने अंडे दे दिए और जब सिट्टों में दाने बनने लगे तो लार्वा निकलकर लट बन गई, जिससे फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
– शंकरराम सियाग, कृषि अधिकारी, कृषि विभाग, नागौर
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