शहीद रामेश्वरलाल की वीरांगना एवं परिवार के लोगों ने 9 सितम्बर 2020 को सांसद को अर्जी देकर शहीद स्मारक के लिए 25 लाख रुपए बजट स्वीकृत करने की मांग की थी। साथ ही हिराणी सरपंच ने शहीद स्मारक के लिए जमीन उपलब्ध होने की एनओसी भी जारी की, जिस पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने 12 दिसम्बर 2020 को सांसद कोष से हिराणी में शहीद रामेश्वरलाल स्मारक निर्माण के लिए ग्राम पंचायत के नाम 11 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की। सांसद की स्वीकृति पर जिला कलक्टर ने 22 दिसम्बर 2020 को प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी। इसके बाद 29 दिसम्बर 2020 को जिला परिषद नागौर ने वित्तीय स्वीकृति जारी करते हुए प्रथम किस्त के रूप में 8.25 लाख रुपए की स्वीकृति जारी करते हुए कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत हिराणी को बनाया। इसके बाद ग्राम पंचायत ने राशि को उपयोग करते हुए शहीद स्मारक व मूर्ति तैयार करवाई, लेकिन जब अनावरण का मौका आया तो सांसद के याद नहीं किया गया और न ही शिलालेख पर सांसद कोष का जिक्र किया। नियमानुसार सांसद या विधायक कोष से स्वीकृत हुए किसी भी कार्य में तय मापदंडों व नियमों के अनुसार उसका लोकार्पण संबंधित सांसद या विधायक के आतिथ्य में ही किया जाता है।
गौरतलब है कि परेवड़ी में डाबला नाडी स्कूल में शहीद मोहनराम की मूर्ति का भी एक साल से राजनीति के चक्कर में अनावरण नहीं हो पाया है। करीब 56 साल पहले देश के लिए शहीद हुए मोहनराम की मूर्ति 12 माह से कपड़े में लिपटी हुई है। सूत्रों के अनुसार परिजन ने शहीद की मूर्ति का अनावरण करने के लिए 21 जनवरी 2021 को सांसद हनुमान बेनीवाल व पूर्व सैनिक कल्याण राज्य मंत्री प्रेमसिंह बाजौर को आमंत्रित किया, जिस पर स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन ने राज्य सरकार की अनुमति नहीं होने का हवाला देकर अनावरण कार्यक्रम रुकवा दिया था।
मुझे शहीद की वीरांगना का आमंत्रण था और मेरा क्षेत्र है, इसलिए मैं मूर्ति का अनावरण करने गया। साथ ही कुछ दिन पूर्व वीरांगना व परिवार के लोग मेरे पास आए और शहीद रामेश्वरलाल के नाम पर राजस्व गांव घोषित कराने की मांग की थी, जिस पर मैंने सीएम साहब से विशेष अनुमति लेकर जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करके शहीद के नाम से शहीद रामेश्वर नगर राजस्व गांव घोषित करवाया।
– महेन्द्र चौधरी, उपमुख्य सचेतक, राजस्थान सरकार
हिराणी में शहीद रामेश्वरलाल के स्मारक अनावरण कार्यक्रम में नावां विधायक व राजस्थान की विधानसभा में उप सचेतक ने शहीद के परिजनों पर दबाव बनाकर व डरा धमकाकर लोकार्पण करवाया है, यह न केवल शहादत का अपमान है, बल्कि सांसद कोष से निर्मित शहीद स्मारक के लोकार्पण में जनप्रतिनिधियों का नाम लिखवाने व उन्हें बुलाने की परंपरा का भी मखौल उड़ाया है। भारत सरकार व राजस्थान सरकार द्वारा भी किसी भी आयोजन में संबंधित क्षेत्र के सांसद व विधायक का नाम लिखवाने व उन्हें बुलाने की बात की जाती है, जबकि नावां विधायक महेंद्र चौधरी ने ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत कार्य किया है। इससे पूर्व विधायक ने परवेड़ी ग्राम में शहीद मोहनराम की प्रतिमा का अनावरण राजनीतिक दुर्भावना से रुकवाकर शहादत का अपमान किया। राजनीतिक विचारधारा भिन्न हो सकती है, लेकिन शहीदों के मामले में सत्ता पक्ष के विधायक द्वारा ऐसे कृत्य करना उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।
– हनुमान बेनीवाल, सांसद, नागौर