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नागौर

मददगार बनकर आए रेलवे कर्मचारी

मेड़ता रोड (नागौर) . मेड़ता रोड बायपास से मुख्य स्टेशन की दूरी अधिक होने के कारण सोमवार को 50 से अधिक यात्रियों का समूह ट्रेन नहीं पकड़ सका और उनके गंतव्य स्थान वाराणसी के लिए कोई अन्य ट्रेन नहीं होने के कारण पूरे 24 घंटे रेलवे स्टेशन पर ही गुजारने पड़े।

नागौरNov 30, 2021 / 10:22 pm

Ravindra Mishra

मददगार बनकर आए रेलवे कर्मचारी

मेड़ता रोड. मरुधर एक्सप्रेस में सवार होते यात्री ।


ट्रेन छूटने पर यात्रियों को रेलवे कर्मचारियों ने पहुंचाई मदद
– सर्दी में आवास व भोजन के साथ की आर्थिक मदद
– अपने प्रयासों से करवाया सीटों का आरक्षण

सर्दी के मौसम में छोटे बच्चों व बुजुर्गों सहित अनेक महिलाओं के लिए रेलवे द्वारा दो स्टेशनों को इतनी दूरी पर बनाने के कारण मुसीबतों का सामना करना पड़ा। लेकिन रेलवे कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों ने मानवता दिखाते हुए उनके लिए रेलवे स्टेशन पर स्थित प्रथम श्रेणी प्रतीक्षालय में रुकने की व्यवस्था की। रेलवे कर्मचारियों ने चंदा एकत्रित कर उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की और भोजन व्यवस्था की। रेल कर्मचारियों ने अपने निजी प्रयासों से उनके लिए मंगलवार को वाराणसी जाने वाली मरुधर एक्सप्रेस में सीटों का आरक्षण भी दिलवाया। सभी यात्रियों ने स्थानीय रेल कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों को उनकी सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।
सोमवार को मेड़ता रोड स्टेशन पर देखने को मिली। वाराणसी से बीकानेर शादी समारोह में आए लगभग 50 से 60 यात्री व 10 -15 छोटे बच्चे बीकानेर से मेड़ता रोड तक लीलण एक्सप्रेस से यात्रा कर बायपास पर उतरे। वहां से सभी यात्री निजी वाहनों में मेड़ता रोड मुख्य प्लेटफार्म पर पहुंचे। तब तक उनकी आगे की यात्रा के लिए मरुधर एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य प्लेटफार्म पर रवाना होने को थी। आनन-फानन में सभी यात्री गाड़ी में चढऩे लगे। इस बीच गाड़ी मुख्य प्लेटफार्म से रवाना हो गई। किसी के बच्चे पीछे रह गए तो किसी का सामान। इस पर यात्रियों ने चेन खींचकर गाड़ी को रोका और अपना सामान व बच्चों को गाड़ी में चढ़ाने लगे, लेकिन तब तक ट्रेन पुन: रवाना हो चुकी थी। इस पर यात्रियों ने फिर से चेन खींची और गाड़ी को खड़ा कर दिया। तीन चार बार चेन पुलिंग
इस प्रकार तीन चार बार ट्रेन को खड़ा करने पर आरपीएफ स्टाफ ने चेन पुलिंग करने वाले को ट्रेन से नीचे उतार दिया और उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने लगे। इस पर सभी यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए और 2-3 यात्री ट्रेन में आगे चले गए। ट्रेन में आगे जाने वाले यात्रियों ने भी अपने मोबाइल बंद कर लिए, जिससे उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था । ऐसी स्थिति में पीछे रहे यात्रियों में महिलाओं ने रोना चिल्लाना शुरू कर दिया। उनका काफी सामान ट्रेन में ही रह गया था, जिसमें गहने व नकद रुपए थे। सभी यात्रियों के टिकट भी ट्रेन में आगे जाने वाले यात्रियों के पास रह गए। यद्यपि आरपीएफ स्टाफ ने सभी यात्रियों को समझाया कि केवल एक यात्री को कानूनी कार्यवाही के लिए यहां छोड़ दीजिए और सभी गाड़ी में बैठ कर आगे की यात्रा करें, क्योंकि बार बार चैन खींचने से अन्य यात्रियों को भी परेशानी होती है। लेकिन यात्रियों में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी, जो आरपीएफ स्टाफ की बात नहीं मानकर सभी के सभी नीचे उतर गए। यात्रियों को अपनी ट्रेन छोडऩी पड़ी।

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