पुलिस मान चुकी दोषी, एसडीएम फाइल दबाकर बैठे
खास बात यह है कि परिवादी मोतीराम ने वर्ष 2017 में फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर किसी के सहयोग से नागौर एसपी व अजमेर संभागीय आयुक्त को शिकायत कर जांच कराने तथा दोषियों को सजा देने की मांग की। एसपी ने मामले की जांच डीडवाना एएसपी से करवाई, जिसमें पुलिस ने मोतीराम के भाई मूलाराम, चुकली पत्नी मूलाराम, राजूराम पुत्र मूलाराम सहित एचडीएफसी बैंक किशनगढ़ शाखा के तत्कालीन कृषि अधिकारी सूरजमल शर्मा के खिलाफ जुर्म प्रमाणित माना था। डीडवाना एएसपी ने यह जांच रिपोर्ट १५ सितम्बर २०१८ को एसपी कार्यालय भिजवा दी। इसके बावजूद मोतीराम को राहत नहीं मिल पाई। मोतीराम के साथ आए मंगलाराम ने बताया कि कलक्टर के निर्देश पर फर्जी रजिस्ट्री व नामांतरण करवाने सम्बन्धी जांच पिछले एक साल से परबतसर एसडीएम के पास है, लेकिन वे केवल चक्कर कटवा रहे हैं। आज भी वे जनसुनवाई में उपस्थित नहीं हुए।
कलक्टर ने एडीएम से मिलना, एडीएम ने कहा- क्यों कागज खराब करते हो
गांवों में गोचर व अंगोर भूमियों पर किए गए अतिक्रमण को हटवाने के लिए खुद के खर्चे पर पिछले सात-आठ साल से प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटने वाले जागरूक नागरिकों को अब अधिकारी ताने भी मारने लगे हैं। मूण्डवा पंचायत समिति के खुड़खुड़ा कलां में अंगोर भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटवाने के लिए सैकड़ों बार प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष शिकायत पत्र पेश करने वाले प्रेमाराम की अर्जी लेने के बाद कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने जिला स्तरीय जनसुनवाई में उपस्थित एडीएम मनोज कुमार को निर्देश दिए कि इस मामले को गंभीरता से देखना। साथ ही प्रेमाराम को कहा कि आप बैठक के बाद एडीएम से मिल लेना। करीब चार-पांच घंटे इंतजार के बाद एडीएम से मिलने का समय मिला। प्रेमाराम को देखते हुए एडीएम कार्यालय के कर्मचारियों ने नकारात्मक भूमिका बना दी। प्रेमाराम ने बताया कि उसे संतोषजनक आश्वासन देने की बजाय एडीएम ने कहा – क्यों कागज खराब करते हो।
इसी प्रकार साडोकन से आए हरकाराम को भी अंगोर व गोचर में किए गए अतिक्रमण को हटाने की शिकायत पर संतोषजनक जवाब देने की बजाय रवाना कर दिया।
मूण्डवा तहसीलदार को नोटिस के निर्देश
सतर्कता समिति की बैठक व जिला स्तरीय जनसुनवाई में साढ़े 11 बजे तक मूण्डवा तहसीलदार अपनी सीट पर उपस्थित नहीं हुए, जिससे नाराज कलक्टर यादव ने तहसीलदार को नोटिस देने के निर्देश एडीएम को दिए।