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राजस्थान में सियासी पारा उफान पर, अब इस सीनियर अल्पसंख्यक BJP नेता ने छोड़ी पार्टी

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नागौरNov 13, 2018 / 08:45 am

Nakul Devarshi

नागौर।
विधानसभा चुनाव में नागौर सीट से टिकट नहीं मिलने से खफा नागौर विधायक हबीबुर्रहमान ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले सोमवार को दिन में उन्होंने समर्थकों से चर्चा की। उसके बाद दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस नेताओं से संपर्क किया।

हबीबुर्रहमान फिलहाल दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और सम्भवत मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होने या नहीं होने का निर्णय कर सकते हैं। सोमवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने से लगने लगा है कि वे कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। गौरतलब है कि रविवार को भाजपा की ओर से जारी हुई प्रत्याशियों की सूची में नागौर सीट से भाजपा ने मोहनराम चौधरी को टिकट दिया है।
बेनीवाल की पार्टी भी है विकल्प
भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद ये तो लगभग तय माना जा रहा है कि हबीबुर्रहमान ने इस बार फिर से चुनाव मैदान में ताल ठोकने का मन बना लिया है। ऐसे में अब उनके पास बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने से पहले किसी अन्य राजनीतिक दल से टिकिट लेकर प्रत्याशी बनने के विकल्प हैं।सूत्र बताते हैं कि हबीबुर्रहमान कांग्रेस के साथ ही हनुमान बेनीवाल की नवगठित राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी से भी संपर्क में हैं। नागौर सीट पर यदि कांग्रेस से बात नहीं बनती तो दूसरा विकल्प बेनीवाल की आरएलपी है, नहीं तो आखिरी विकल्प निर्दलीय चुनाव लड़ना भी हो सकता है।

… इधर, पहली सूची में मुस्लिम प्रत्याशी नहीं, पीएम-सीएम को लिखा पत्र
उत्तरप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी भाजपा हिन्दुत्व का कार्ड खेलती दिख रही है। पार्टी की पहली सूची में 131 में एक भी उम्मीदवार मुस्लिम नहीं है। इससे क्षुब्ध भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष एम. सादिक खान ने सोमवार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने सवाल उठाया है कि मुसलमानों के बीच अब वह क्या मुंह लेकर वोट मांगने जाएंगे।
 

पिछले चुनाव में भाजपा ने 4 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 2 जीते थे। इसके बाद स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को मिले मुस्लिम मतों में बढ़ोत्तरी भी हुई। इससे उत्साहित मोर्चा ने राज्य में भाजपा से 11 सीटों पर टिकट मांगे थे। अब विधानसभा चुनाव के लिए फिलहाल एक भी टिकट नहीं मिला है। खान ने पत्र में लिखा, मैं उतना ही कर्मठ हूं, जितना दूसरे कार्यकर्ता हैं। बूथ प्रमुख भी हूं। मेरे बूथ से भाजपा आज तक नहीं हारी। यदि मुस्लिम को एक भी टिकट नहीं मिला तो किस मुंह से मुस्लिम इलाकों में जाकर वोट मांगेंगे। कांग्रेस दशकों से मुसलमानों के साथ ‘यूज एंड थ्रो’ का व्यवहार करती रही है। दूसरी सूची में मुस्लिम नेताओं को टिकट देकर हमारा मान बढ़ाया जाना चाहिए।

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