शिलालेखों को हटाकर कब्जा करने वालों से निपटेगा राजपूताना संघ – शिलालेखों को हटाकर कब्जा करने वालों से निपटेगा राजपूताना संघ 500 साल पुराने शिलालेखों तोड-फ़ोडकर हटाने वअवैध कब्जे का लगाया आरोप, करणी सेना ने भी चेताया प्रशासन करे कार्रवाई नहीं, संघ की ओर से चलाया जा रहा इसे बचाए जाने का अभियान, लोगों से समझाइश के साथ जगाने में लगा संगठननागौर. प्रदेश की ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के शिलालेखों व मूर्तियों को हटाकर अवैध करने का काम तेजी से अराजकतत्वों की ओर से किया जा रहा है। इसे बिलकुल सहन नहीं किया जाएगा। यह केवल अवैध कब्जे का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पहचान मिटाए जाने का षड्यंत्र है। इसके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। फिलहाल लोगों को जागरुक करने के साथ ही प्रशासन को भी इसकी जानकारियां दी जा रही है। इसके बाद भी लोग नहीं चेते, और प्रशासन भी सोता रहा तो मजबूरी में फिर राजपूताना संघ एवं राजपूत करणी सेना फिर खुद अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी। सांस्कृतिक पहचान मिटाने एवं अवैध कब्जे के प्रयास को बिलकुल भी अब सहन नहीं किया जाएगा। जय राजपूताना संघ के संस्थापक भंवरसिंह रेटा व करणी सेना के बदनौर जिलाध्यक्ष रामेन्द्रसिंह शनिवार को नागौर पहुंचे। इस दौरान वह पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इनके साथ अमर छात्रावास के अधीक्षक कुंदनसिंह आचीना भी थे। भंवरसिंह ने कहा कि हालात अब बेहद गंभीर होते जा रहे लोग अवैध कब्जे ही नहीं कर रहे, बल्कि शहीदों के स्मारक को हटाकर वहां पर दूसरे अवैध निर्माण करने में लगे हुए हैं। इतने गंभीर हालात होने के बाद भी प्रशासनिक जिम्मेदारों की नींद नहीं खुल रही है। हालात नहीं सुधरे तो फिर उनका संगठन प्रशासन को जगाने के साथ अवैध कब्जा करने की हरकत कर सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत को मिटाने का षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ प्रदेश भर में सामूहिक रूप से यथोचित कार्रवाई करेगी। इसका जिम्मेदार खुद स्थानीय प्रशासन होगा। पांच सौ साल पुरानी विरासत घरों में लगा रहेभंवरसिंह ने आरोप लगाया कि 500 साल पुरानी पुरातत्व महत्व के शिलालेख मूर्तियां स्मारक पर असामाजिक तत्व कब्जा कर उनको जीर्ण-शीर्ण करने के साथ ही पुरातत्व महत्व के शिलालेखों को उखाड़ कर ले कर जा रहे हैं। इतना ही नहीं, बल्कि गुंबद को तोडकऱ अपने घरों में लगाने व फर्जी पट्टे बनवाने का काम चल रहा है। इसके चलते कई स्मारक खत्म हो गए, और कई खत्म होने के कगार पर पहुंच गए हैं। जल्द ही सरकार ने इस पर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। संघ ने गांव-गांव मीटिंग और जन जागरण अभियान शुरू कर दिया है।