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नागौर

कोरोना का बचाव ही उपचार है – सीएमएचओ डॉ. कश्यप

कोरोना एक आरएनए वायरस है, बाहर तो यह मृत वायरस है जो किसी व्यक्ति के शरीर में संपर्क में आने के बाद डीएनए के साथ मिलकर संक्रमण फैलाता है

नागौरApr 06, 2020 / 01:37 pm

shyam choudhary

corona virus

corona virus

गेस्ट राइटर
नागौर. चीन के वुहान से उपजा एक जानलेवा वायरस, कोरोना यानी कोविड-19, जिसका बचाव ही उसका उपचार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया, चिकित्सा विज्ञान में विश्व स्तर के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं, लेकिन इसके परिणाम आने तक हमें कोरोना से बचाव को लेकर जारी एडवाइजरी का पालन करना होगा और करवाना भी। कोरोना एक आरएनए वायरस है, बाहर तो यह मृत वायरस है जो किसी व्यक्ति के शरीर में संपर्क में आने के बाद डीएनए के साथ मिलकर संक्रमण फैलाता है। इसलिए हर समय सेनेटाइज रहें और सोशियल डिस्टेंस अपनाते हुए हमें इस महामारी से अपने आप को बचाना होगा।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोविड-19 के संक्रमण काल में कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन तथा सीओपीडी के मरीजों तथा वृद्धजनों को अपना विशेष बचाव रखना है। इस श्रेणी के लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक है। लॉकडाउन के दौरान घर पर ही रहें और इंडोर व्यायाम करें, जिससे आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा। घर में वेंटिलेशन पूरा हो, हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कोई समस्या नहीं है। नींबू, आंवला, दूध का सेवन करें। घर से जरूरी होने पर बाहर निकलना भी पड़े तो भूखे पेट न निकलें, इन नियमों का पालन करने से संक्रमित होने से बचा जा सकता है। घर में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए और व्यक्ति स्वयं भी बार-बार हाथों को साबुन या डिटोल से धोते रहें।
नागौर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग विश्व स्वास्थ्य संगठन और अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की ओर से गाइड लाइन के मुताबिक काम कर रहा है तथा विभाग का हर कार्मिक कोरोना वॉरियर के रूप में फिल्ड में काम कर रहा है। चिकित्सा विभाग की ओर से जिला मुख्यालय पर राजकीय जेएलएन अस्पताल सहित कुचामन, लाडनूं तथा डीडवाना के राजकीय अस्पताल में भी कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए सैम्पल लेने की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही जिले में एएनएम व आशा सहयोगिनी की टीमों ने घर-घर सर्वे का काम अंतिम चरण में है।
आमजन को सलाह दी जाती है कि स्वस्थ व्यक्ति को मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है, मॉस्क का उपयोग केवल खांसी जुकाम के मरीज, कोरोना संक्रमित मरीज के पास रहने वाले उसके परिजन को, कोरोना ओपीडी तथा आइसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टॉफ तथा हैल्थ सर्वे कर रही टीमों को ही है। समाजसेवी व दानदाताओं से अपील है कि वे सार्वजनिक रूप से आमजन को मॉस्क आदि वितरित न करें। जिला प्रशासन तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मुहैया करवाएं, ताकि इसका समय पर सही उपयोग हो सके। फिर कहीं पर अत्याधिक आवश्यकता महसूस होती हो तो दो व्यक्तियों के बीच कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी जरूर रखें।
लॉकडाउन के दौरान बाहर से आए लोगों को होम आइसालेशन तथा संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया है, वहां इनको चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। चिकित्सकीय टीमें हैल्थ स्क्रीनिंग के लिए हर समय तैनात है और कोरोना से संक्रमित होने के लक्षण पाए जाने पर संदिग्ध मरीज को तत्काल एम्बुलेंस के जरिए जिला एवं उप जिला अस्पताल में बनाए गए कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया जाता है। आशा है एडवाइजरी का पालन कर रहा यहां का आमजन इस महामारी को भगाने में सफल रहेगा। लॉकडाउन का पालन करें, सामाजिक दूरी का सिद्धांत अपनाएं और कोरोना को हराने में सक्रिय नागरिक की भूमिका निभाएं।
डॉ. सुकुमार कश्यप,
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नागौर

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