आमजन को सलाह दी जाती है कि स्वस्थ व्यक्ति को मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है, मॉस्क का उपयोग केवल खांसी जुकाम के मरीज, कोरोना संक्रमित मरीज के पास रहने वाले उसके परिजन को, कोरोना ओपीडी तथा आइसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टॉफ तथा हैल्थ सर्वे कर रही टीमों को ही है। समाजसेवी व दानदाताओं से अपील है कि वे सार्वजनिक रूप से आमजन को मॉस्क आदि वितरित न करें। जिला प्रशासन तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मुहैया करवाएं, ताकि इसका समय पर सही उपयोग हो सके। फिर कहीं पर अत्याधिक आवश्यकता महसूस होती हो तो दो व्यक्तियों के बीच कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी जरूर रखें।
लॉकडाउन के दौरान बाहर से आए लोगों को होम आइसालेशन तथा संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया है, वहां इनको चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। चिकित्सकीय टीमें हैल्थ स्क्रीनिंग के लिए हर समय तैनात है और कोरोना से संक्रमित होने के लक्षण पाए जाने पर संदिग्ध मरीज को तत्काल एम्बुलेंस के जरिए जिला एवं उप जिला अस्पताल में बनाए गए कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया जाता है। आशा है एडवाइजरी का पालन कर रहा यहां का आमजन इस महामारी को भगाने में सफल रहेगा। लॉकडाउन का पालन करें, सामाजिक दूरी का सिद्धांत अपनाएं और कोरोना को हराने में सक्रिय नागरिक की भूमिका निभाएं।
डॉ. सुकुमार कश्यप,
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नागौर