एसडीएम अमित चौधरी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार गत 8 सितम्बर को ताऊसर रोड स्थित खसरा नम्बर 381/990 की साढ़े 5 बीघा गैर मुमकिन अंगोर भूमि से नगर परिषद आयुक्त व नागौर तहसीलदार की उपस्थिति में अतिक्रमण हटवाकर नगर परिषद की सम्पति का बोर्ड लगवाया था, जिसकी निगरानी के लिए आयुक्त को पाबंद किया था। एसडीएम ने बताया कि उन्हें गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली कि सम्बन्धित अतिक्रमियों से साठ-गांठ कर काबिज व्यक्तियों के नियमन सम्बन्धी कार्रवाई की जा रही है। यह जानकारी मिलने पर वे मंगलवार को जांच करने नगर परिषद पहुंचे तथा 181 खसरे के अलावा खसरा नंबर 532 की पत्रावली भी तलब की गई तो सम्बन्धित कार्मिक हरिकिशन विश्नोई पत्रावलियों की सूची बना कर उन्हें देने की तैयारी करने में लग गया। इसी दौरान उसके पास किसी का फोन आया और वह पत्रावलियां एक थैले में डालकर कक्ष के ताला लगाकर एक लग्जरी कार में बैठकर फरार हो गया और चाबी भी अपने साथ ले गया। एसडीएम ने इस सम्बन्ध में नागौर डीएसपी को पत्र लिखकर वाहन व कार्मिक को दस्तयाब कर उनके समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं।
एसडीएम चौधरी ने जिला कलक्टर को भी पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि जांच में पाया गया कि उक्त प्रकरण से सम्बन्धित पत्रावली संख्या 58/2019-20, 59/2019-20 एवं 60 /2019-20 में नियमन राशि जमा हो चुकी है, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका सत्यापित होती है। एसडीएम ने बताया कि कर्मचारी के फरार होने के बाद उन्होंने आयुक्त से बात की तो उन्होंने अपनी लोकेशन जोधपुर बताई, लेकिन इसके तुरन्त बाद ही आयुक्त अपने कार्यालय में उपस्थित थे।
अब्दुल रहमान प्ररकण में राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय व जगमालसिंह बनाम उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार सन 1947 की यथास्थिति (अंगोर भूमि, जोड़, पायतन गौचर जैसी) रखनी है। इसलिए किसी भी गैर मुमकिन अंगोर भूमि का इस का प्रकार का नियमन कर भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। जिला कलक्टर से मिले निर्देशानुसार आगे भी इस प्रकार की गैर मुमकिन एवं गौचर भूमि पर किए गए अतिक्रमणों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
– अमित कुमार चौधरी, उपखण्ड अधिकारी, नागौर
गैर मुमकिन अंगोर भूमि का नियमन करने के लिए करीब 11 फाइलें लगाई गई हैं, लेकिन अब तक किसी को भी पट्टा जारी नहीं किया गया है और न ही किसी को जारी किया जाएगा।
– जोधाराम विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर