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नागौर

छह किलोमीटर भूमि खातेदारों ने की राज्य सरकार को समर्पण

खींवसर. गावों में रास्तों के विवाद को लेकर आए दिन खून खराबा हो रहा है वहीं दूसरी ओर आकला के ग्रामीणों ने अपने खातेदारी की बेशकीमती जमीन राज्य सरकार के नाम समर्पण कर मिसाल कायम की है।

नागौरAug 09, 2020 / 04:52 pm

Ravindra Mishra

22 Panchayats and 17 private land  sand mines runing

22 Panchayats and 17 private land sand mines runing

खींवसर. गावों में रास्तों के विवाद को लेकर आए दिन खून खराबा हो रहा है वहीं दूसरी ओर आकला के ग्रामीणों ने अपने खातेदारी की बेशकीमती जमीन राज्य सरकार के नाम समर्पण कर मिसाल कायम की है। अन्य गांवों में रास्तों के विवाद समाप्त करने के लिए यहां की पहल सीख बन रही है। यहां पहले न रास्ता था न जमीन। ग्रामीणों ने रास्ते के लिए न केवल अपने कलेजे के टुकड़े को दान किया, बल्कि यहां खुद के खर्च पर ग्रेवल डलवाकर आवागमन सुगम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिला कलक्टर द्वारा चलाए जा रहे रास्ता खोलो अभियान से प्रेरित होकर आकला ग्राम पंचायत के सरपंच सहित ग्रामीणों ने करीब ६ किलोमीटर लंबे मांर्ग में आने वाली खातेदारी भूमि राज्य सरकार को दान कर दी। उन्होंने आवागमन को सुगम बनाने के लिए सामूहिक सहयोग से यहां ग्रेवल सडक़ भी बनाई है। शनिवार को उपखण्ड अधिकारी राजकेश मीणा एवं तहसीलदार रामस्वरूप जौहर आकला पहुंचे तो उन्होंने सरपंच और ग्रामीणों के इस कार्य की सराहना की। ग्राम आकला में मुख्य स्टेशन से भोमियाजी मंदिर व कालका माता मंदिर तक जाने के लिए रास्ते को लेकर सरपंच निधा चौधरी की पहल पर आकला के ग्रामीणों ने एकराय होकर बैठक में सर्वसम्मति से रास्ते के लिए अपनी खातेदारी में से भूमि राज्य सरकार को समपर्ण करने पर सहमति व्यक्त की। इस पर रास्ते में आने वाले सभी काश्तकारों ने अपने-अपने हिस्से की भूमि राज्य सरकार को समर्पण कर दी तथा ग्रेवल डलवाकर आवागमन सुगम बना दिया। साथ ही गांव के अन्य रास्तों के विवादों का भी आपसी समझाइश के जरिये समाधान करने के लिए प्रेरित किया। ग्रामीणों ने बताया कि आकला में आगे भी रास्तों को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होने दिया जाएगा तथा ऐसे मामलों को पंचायत स्तर पर ही सर्वसम्मति से निर्णय लेकर सुलझाया जाएगा।
पट्टिका लगाई

आकला के मुख्य स्टेशन से भोमिया जी मंदिर जाने वाले ६ किलोमीटर रास्ते की भूमि को खातेदारों द्वारा समर्पण करने के बाद रास्ता खोलो अभियान के तहत बिटिया गौरवपथ की पट्टिका भी लगाई गई। तहसीलदार ने बताया कि रास्ते खुलवाने के बाद यहां सरपंच निधा चौधरी के नाम से बिटिया गौरवपथ की पट्टिका भी लगाई गई।
खातेदार बने मिसाल

खातेदारों के इस समपर्ण से प्रभावित होकर ग्रामीणों ने भूमि देने वाले खातेदारों का सम्मान भी किया गया। इस दौरान सरपंच निधा चौधरी, पूर्व सरपंच पन्नाराम सियाग, उप सरपंच संग्रामसिंह, पूर्व उपसरपंच हनुमानसिंह, पूर्व पंचायत समिति सदस्य उतमाराम सियाग, परबतसिंह इन्दौकिया, कालूसिंह हमीराणा, मोहनराम जाट, आनंदसिंह राठौड़, राणूसिंह चौहान, भोमसिंह भाटी, दुर्गाराम मेघवाल, डूंगरराम, राजूराम, लिखमाराम, कालूराम नाई, किशनाराम, बादरराम, नरपतराम, शिंभूराम, भंवरसिंह, देरामराम, परबतसिंह चौहान, सुखराम, पदमाराम, उगमाराम, बीरमाराम बागडिय़ा, कानाराम, नानकराम, चुतराराम व पूससिंहसहित कई खातेदार मौजूद थे।

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