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नागौर

नागौर जिले में स्वाइन-फ्लू से अब तक हुई कितनी मौतें, जानने के लिए जरूर पढ़े ये खबर

नागौर जिला अस्पताल में स्वाइन-फ्लू उपचार के नाम पर मात्र सैम्पल लेने की व्यवस्था
 

नागौरSep 17, 2017 / 11:42 am

Devendra Singh

https://www.youtube.com/watch?v=BjRsDuHlLmU

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नागौर. जिले सहित प्रदेश भर में स्वाइन-फ्लू का शोर है। प्रदेश में स्वाइन-फ्लू से मरने वालों की संख्या सैंकड़ा छूने वाली है, वहीं नागौर जिले में पांच लोगों की स्वाइन-फ्लू से मौत हो चुकी है। नागौर जिले में स्वाइन-फ्लू पॉजिटिव मरीजों की संख्या २० के करीब पहुंच गई है। स्वाइन-फ्लू से हुई मौतों के संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि इस बार स्वाइन-फ्लू का वायरस नए रूप में आया है। पहले इस वायरस का स्ट्रेन कैलिफोर्निया स्ट्रेन कहलाता था, अब इसे नए नाम मिशिगन से जाना जा रहा है। नेशनल इंस्ट्रीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से मिली रिपोर्ट के अनुसार स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों की जांच में पाया गया है कि राजस्थान सहित अन्य राज्यों में मिशिगन स्ट्रेन की वजह से मौतों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही नए वायरस की दवा उपलब्ध नहीं होने से मौतों पर अंकुश नहीं लग पा रहा।
सैम्पल की जांच अन्य जिलों में
स्वाइन-फ्लू से आठ महीने में पांच लोगों की मौत हो चुकी है व 15 लोग वायरस से ग्रस्त हैं। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 1 सितम्बर तक 4 मौत व 8 लोग वायरस से प्रभावित बताए गए, लेकिन १५ दिन में मरने वालों की संख्या पांच हो गई, वहीं वायरस की गिरफ्त में 15 जने आ गए है। जिले में इस रोग की जांच तक की सुविधा नहीं है। जिला अस्पताल में जांच के नाम पर मात्र स्वाब के सैम्पल लेने की व्यवस्था है। सैम्पल जांच के लिए अन्य जिलों में भेजना पड़ता है। सैम्पल पॉजिटिव आने पर मरीज को हायर सेंटर रैफर किया जाता है।
 जिले में कहां कितनी मौतें
स्वाइन-फ्लू से मकराना, मेड़ता व परबतसर ब्लॉक में एक-एक व डीडवाना में दो जनों की मौत हुई है। मकराना, मेड़ता व जायल में एक-एक मरीज स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मिला है। डीडवाना व रियां में दो-दो, परबतसर में 3 व कुचामन में ४ लोग स्वाइन-फ्लू के वायरस की गिरफ्त में हैं।जिले में पीएचसी स्तर तक दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। कही भी स्वाइन-फ्लू पॉजिटिव पाए जाने पर तत्काल उस मरीज के परिजन व मिलने वालों सहित आस-पास के क्षेत्र के लोगों की जांच कर उन्हें दवा दी जा रही है।
झोलाछाप डॉक्टरों से बचे

इन दिनों किसी भी व्यक्ति में बुखार, खांसी, छींक व नाक से पानी बहना, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, निम्न रक्तचाप, बलगम के साथ खून व नाखूनों का नीलापन आदि लक्षण पाए जाने पर स्वाइन-फ्लू हो सकता है। इसमें खासकर गर्भवती महिलाएं, पांच वर्ष से छोटे बच्चे व ६० वर्ष से अधिक के बुजुर्ग, शुगर व अस्थमा पीडि़त लोगों को साधारण जुखाम होने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। लापरवाही कतई न बरतें। झोलाछाप डॉक्टरों से बचे। रोगी को घर में अलग रखें, छींक आने पर मुंह पर कपड़ा लगाएं। यदि छींकते वक्त मुह के आगे हाथ लगाना पड़े तो साबून से जरूर धोएं।
डॉ. शाकिर खान, एपीेडेमोलॉजिस्ट, नागौर
दवा दी जा रही है।

जिले में पीएचसी स्तर तक दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। कही भी स्वाइन-फ्लू पॉजिटिव पाए जाने पर तत्काल उस मरीज के परिजन व मिलने वालों सहित आस-पास के क्षेत्र के लोगों की जांच कर उन्हें दवा दी जा रही है।
सुकुमार कश्यप, सीएमएचओ, नागौर

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