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नागौर

महाशिवरात्रि पर निकली शिव बारात को देखने उमड़ा शहर

नागौर. पुष्करणा समाज की ओर से शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शिव बारात निकली।

नागौरFeb 22, 2020 / 09:45 pm

Sandeep Pandey

महाशिवरात्रि

पुष्करणा समाज की ओर से शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शिव बारात निकली। इस मौके पर लोढा़े का चौक स्थित गणेश मंदिर से गणेश वंदना गायन नमो जय, जय गणपत नमो के साथ हुआ।

नागौर. पुष्करणा समाज की ओर से शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शिव बारात निकली। इस मौके पर लोढा़े का चौक स्थित गणेश मंदिर से गणेश वंदना गायन नमो जय, जय गणपत नमो के साथ हुआ। सालों पुरानी परम्परा निभाते हुए इसके बाद पूर्व नरेश गजसिंह से आज्ञा लेकर घूंसो बाज्यो रे के साथ मेड़तावाड़ी स्थित नाहरसिंह भेरू से शिव बारात निकली। लोढ़ा चौक से निकली, काठडिय़ा, किले की ढाल से होते हुए शिवबाड़ी मंदिर, ब्रह्मपुरी, आजाद चौक, पित्तीवाड़ा से होते हुए लोहिया चौक वापस पहुंची। इस दौरान शिवबाड़ी में मो पे जादू डाला रंगीली तोड़ी आंखडलिया शिव वंदना की प्रस्तुति हुई। इस दौरान शिव बारात को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। सड़कों के दोनों ओर लोग शिव बारात को देखने के लिए खड़े नजर आए। सभी के चेहरे पर एकलिंग भगवान की बारात देखने का उत्साह नजर आया।
भजनों की सरिता बहती रही

नागौर. मूण्डवा चौराहा के निकट दीप कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को रात्रि में हुए जागरण में भजनों की सरिता बहती रही। पुजारी हरिदास ने बताया कि भजनों में शिव एवं पावर्ती विवाह के प्रसंगों पर आधारित भजनों की शृंखला पेश की गई। इसमें माता पार्वती की तपस्या, शिव का उनकी तपस्या के दौरान छद्मवेश में आना, फिर देवर्षि नारद का आगमन, पार्वती की माता का शिव पर कोप, फिर नारायण का समझाना एवं भगवान शिव का विवाह करने पहुंचने के प्रसंग आदि पर भजनों की प्रस्तुतियां की गई। गायक कलाकार हड़मान एवं पुजारी हरिदास की ओर से भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।
निकली शोभायात्रा
नागौर. सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से शुक्रवार की शाम कल्पद्रुम विधान में चक्रवर्ती इन्द्र गोपाल बडज़ात्या व सुनीता बडज़ात्या का समाज द्वारा उनके निवास जाकर उनका सम्मान करने के साथ खोलभराई की गई। चक्रवर्ती इन्द्र द्वारा सौधर्म इन्द्र, कुबेर, महायज्ञनायक, यज्ञनायक सनत कुमार ईशान, महेन्द्र, बाहुबली इन्द्रों का तिलक लगाने के साथ माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। ध्वजारोहणकर्ता, मण्ड उदघाटनकर्ता, समवशरण उदघाटन कर्ता, अखण्ड दी ्रज्जवलनकर्ता का भी स्वागत हुआ। इसके बाद चक्रवर्ती इन्द्र एवं सौधर्म इन्द्र को गाजे-बाजे के साथ बग्गी में लेकर शोभायात्रा की तर्ज पर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल ले जाया गया। जुलूस में आगे जैन घोष का वादन चलने के साथ बैडबाजे भी थे। चक्रवर्ती इन्द्र-इन्द्राणी सहित इन्द्र बंसल गार्डन पहुंचे। कल्पद्रुम महामंडल विधान की गाजे-बाजे के साथ महाआरती की गई। रमेशचंद जैन ने बताया कि इससे पूर्व सुबह सात बजे भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य चक्रवर्ती इन्द्र निर्मल कुमार, अजित कुमार बडज़ात्या को मिला। दोनों माताओं का क पाद ्रप्रक्षालन करने का सौभाग्य ओमप्रकाश, अशोक कुमार, राजू मच्छी एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अमित कुमार अभिाषेक जैन, एवं पन्नालाल विनोद कुमार को मिला। श्रावक सृष्टि बनने का सौभाग्य अशोक मच्छी, राजू मच्छी रिवार को मिला। कल्पद्रुम विधान महामंडल में 216 अर्घ चढ़ाए गए। स्वतंत्र भैया ने बताया कि कल्पद्रुम महामंडल विधान में 2424 अर्घ चढ़ाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह छह बजे कल्पद्रुम विधान मंडल में भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा की जाएगी। शुभ काम करने से रिद्धि, सिद्धि आती हैइस दौरान विभाश्री माता ने कहा कि धन दुकान पर बैठने से नहीं, पुरुषार्थ करने से आता है। शुभ कार्य करने पर लाभ मिल ही जाएगा। धर्म के नाम पर छल, कपट नहीं करना चाहिए। श्रावकों के कर्तव्य बताते हुए कहा कि पूजन करना, उपदेश सुनना एवं गुरु की सेवा करना होता है। जैन शास्त्र कहता है कर्मों का फल ही प्राप्त होता है। महावीर का शासन कहता है कि दूरदृष्टा बनो। केवल वर्तमान ही नहीं, बल्कि तीनों कालों का ध्यान रखना चाहिए। इसके पूर्व गुरुवार को देर रात्रि हुए दहेज विरोधी नाटक में इस पर प्रकाश डाला गया।

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