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नागौर

अधिकाधिक मुनाफा लेने की होड़ में कीटनाशकों की बिक्री से स्थिति बिगड़ी

Nagaur. बेहद संवेदनशील माने जाने वाले कीटनाशकों की बिक्री के संदर्भ में कोई विशेष गाइडलाइन नहीं होने से से केवल बेचने की लगी रहती है होड़

नागौरOct 23, 2021 / 10:50 pm

Sharad Shukla

The situation worsened due to the sale of pesticides in the race to get maximum profits.

The situation worsened due to the sale of pesticides in the race to get maximum profits.

नागौर. सब्जियों, फलों एवं अनाज की बुवाई के दौरान इसके विकसित तक होने की स्थिति में छह प्रकार से ज्यादा वर्ग में आने वाले कीटनाशकों में चार दर्जन से ज्यादा कीटनाशक दवाएं विभिन्न कंपनियों की इस्तेमाल की जा रही है। कंपनियों की ओर से मुनाफा कमाने की होड़ में काश्तकारों की उपज पहले से ज्यादा जहरीली होने लगी है। दुकानदार भी ज्यादा खतरनाक माने जाने वाले कीटनाशकों को अधिक बिक्री कर लाभ लेने लेने की नीयत से इनको धड़ल्ले से बेच कर अपनी इतिश्री कर लेते हैं। इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोई विशेष गाइडलाइन नहीं होने के चलते अब हालात बिगड़ गए हैं। इसमें से से कई कीटनाशक अमेरिका आदि में तो प्रतिबंधित हैं, लेकिन अपने यहां इनका प्रयोग धड़ल्ले से बेखौंफ एवं बेधडक़ किया जा रहा है। इसकी वजह से स्थिति काफी बिगड़ी है।यह होते हैं कीटशाककीटनाशक रासायनिक या जैविक पदार्थों का ऐसा मिश्रण होता है जो कीड़े मकोड़ों से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने, उन्हें मारने या उनसे बचाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कृषि के क्षेत्र में पेड़ पौधों को बचाने के लिए बहुतायत से किया जाता है।हालांकि यह उर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करने के साथ ही कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन यह इनके माध्यम से शरीर में प्रवेश कर नुकसान करने का काम भी करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्ट करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है। बहुत से कीटनाशक मानव के लिए जहरीले होते हैं। सरकार ने कुछ कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि अन्य के इस्तेमाल को विनियमित किया गया है। कीटनाशकों को उनकी उत्पत्ति, प्रवेश के तरीके, क्रिया के तरीके और विषाक्त की रासायनिक प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कई तरह से वर्गीकृत भी किया गया है। इनमें वानस्पतिक, जैविक, सुक्ष्मजीव जनित कीटनाशक में निकोटिनोइड्स, पाइरेथ्रोइड्स, रोटेनॉइड्स, नीम आधारित, बी.टी., एन.पी.वी., फगंस आधारित आदि आते हैं। इन कीटनाशकों का किया जा रहा है फसलों पर इस्तेमालसिंथेटिक कीटनाशक में ऑर्गनोक्लोरीन-एन्डोसलॅान, डीडीटी, मेथॉक्सीक्लोर का प्रयोग किया जाता है। इसी तरह से ऑर्गनोफॉस्फोरस में ऐसेफ ेट, क्लोरपाइरीफोस, डायजिनॉन, डाइक्लोरवोस, डाइमेथोएट, एथियॉन, मैलाथियॉन, मोनोक्रोटोफोस का और ऑक्सीडेमेटोन-मिथाइल, फोरेट, प्रोफेनोफोस, क्विनालफोस, ट्रायजोफोस का प्रयोग किया जाता है। इसी क्रम में कार्बामेट में एल्डीकार्ब, बे ंडियोकार्ब,कार्बेरिल, कार्बोफ ुरान, कार्बोसल्फान, मेथोमाइल, थायोडिकार्ब और सिंथेटिक पाइरेथ्रोइड्स में एलेथ्रिन, बीटा-साइफ्लुथ्रिन, लैम्ब्डा-साइहेलोथ्रिन, साइपरमेथ्रिन, डेल्टामेथ्रिन, फ ेनवेलरेट कीटनाशक इस्तेमाल होते हैं। नियोनिकोटिनोइड में एसिटामिप्रिड, क्लोथियानिडिन, इमिडाक्लोप्रिड, थायामेथोक्सॉम एवं फिनोलपायराजोल्स में फिप्रोनिल का तथा स्पिनोसिन्स में स्पाइनोसैड, स्पाइनेटोराम का इस्तेमाल होता है। इसी तरह से हार्मोन वर्ग में फ ेनोक्सीकार्ब, हाइड्रोप्रीन, किनोप्रीन, मेथोप्रीन बुप्रोफेजिन का, और ऑक्साडियाजिन में इंडोक्साकार्ब प्रयोग किया जा रहा है। फसलों में फास्फाइड वर्ग में एल्युमिनियम फास्फाइड, जिंक फास्फाइड और डायमाइड्स वर्ग में क्लोरेंट्रानिलिप्रा ेल, फ्लुबेंडियामाइड का प्रयोग करने के साथ ही अन्य में एबामेक्टिन, एमेमेक्टिन बेंजोएट, कार्टेप हाइड्रोक्लोराइड, स्पिरोमेसिफ ेन, स्पिरोटेट्रामैट, प्रोपर्जाइट नामक कीटशाक का प्रयोग किया जाता है।

इनका कहना है…

फसलों में विभिन्न वर्ग के कई प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। इसका निर्धारित मात्रा से ज्यादा होने की स्थिति में निश्चित रूप से प्रभाव फसलों के लिए प्रतिकूल हो सकते हैं।

स्वरूपराम जाखड़, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि विस्तार नागौर

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