न्युमोकोनिओसिस बोर्ड के आंकड़े
2016-17 में 912 श्रमिक प्रमाणित
1000 को दिए सिलिकोसिस रोगी प्रमाण पत्र
80 के करीब अब तक मौत
57 पीडि़त गम्भीर मिले सरकारी सुविधा का लाभ
खान मजदूर सुरक्षा अभियान ट्रस्ट के जिला समन्यवक घनश्याम जनागल ने बताया कि खान मजदूर सुरक्षा अभियान ट्रस्ट, जोधपुर 2013 से सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए काम कर रहा है। ट्रस्ट खान मजदूरों के लिए शिविर लगाकर उन्हें सिलिकोसिस रोग के संबंध में जागरूक करने का कार्य करता है। ट्रस्ट खान व स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन को खान मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराता है। इसमें खान मजदूर की सुरक्षा, पेंशन योजना, श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगवाना आदि कार्य किए जाते हैं। खान मजदूर एकता संगठन के अध्यक्ष सुखाराम चौधरी के अनुसार 418 सिलिकोसिस प्रमाणित खान मजदूर व 57 मृतक के दस्तावेज खनिज विभाग नागौर में जमा करा दिए हैं, लेकिन सहायता राशि नहीं मिली है।
2016-17 में 912 श्रमिक प्रमाणित
1000 को दिए सिलिकोसिस रोगी प्रमाण पत्र
80 के करीब अब तक मौत
57 पीडि़त गम्भीर मिले सरकारी सुविधा का लाभ
खान मजदूर सुरक्षा अभियान ट्रस्ट के जिला समन्यवक घनश्याम जनागल ने बताया कि खान मजदूर सुरक्षा अभियान ट्रस्ट, जोधपुर 2013 से सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए काम कर रहा है। ट्रस्ट खान मजदूरों के लिए शिविर लगाकर उन्हें सिलिकोसिस रोग के संबंध में जागरूक करने का कार्य करता है। ट्रस्ट खान व स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन को खान मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराता है। इसमें खान मजदूर की सुरक्षा, पेंशन योजना, श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगवाना आदि कार्य किए जाते हैं। खान मजदूर एकता संगठन के अध्यक्ष सुखाराम चौधरी के अनुसार 418 सिलिकोसिस प्रमाणित खान मजदूर व 57 मृतक के दस्तावेज खनिज विभाग नागौर में जमा करा दिए हैं, लेकिन सहायता राशि नहीं मिली है।
हरियाणा में मिलती है सहायता
हरियाणा सरकार के श्रम विभाग की अधिसूचना 4 जनवरी 2017 के तहत सिलिकोसिस पुनर्वास पेंशन योजना के तहत चार हजार रुपए प्रतिमाह व सिलिकोसिस मरीज मौत बाद उसके परिजन को 35 सौ रुपए प्रतिमाह पेंशन सहित कई सुविधाएं सिलिकोसिस पीडि़तों मिल रही हैं। जबकि राजस्थान में सरकार सिलिकोसिस पीडि़तों की सहायता में विफल साबित हो रही है।
हरियाणा सरकार के श्रम विभाग की अधिसूचना 4 जनवरी 2017 के तहत सिलिकोसिस पुनर्वास पेंशन योजना के तहत चार हजार रुपए प्रतिमाह व सिलिकोसिस मरीज मौत बाद उसके परिजन को 35 सौ रुपए प्रतिमाह पेंशन सहित कई सुविधाएं सिलिकोसिस पीडि़तों मिल रही हैं। जबकि राजस्थान में सरकार सिलिकोसिस पीडि़तों की सहायता में विफल साबित हो रही है।
न बजट दे रहे, न गाड़ी आ रही
खनन क्षेत्रों में सिलिकोसिस मरीजों के लिए पहले जिले में प्रत्येक शुक्रवार को मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की गाड़ी आती थी, जो अजमेर व नागौर के लिए दी गई थी। लेकिन सरकार द्वारा बजट नहीं देने तथा गाड़ी खराब होने के कारण गत सितम्बर के बाद शिविर आयोजित नहीं हो सका। हमने इसके लिए कई पत्र भी लिखे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
– डॉ. श्रवण राव, प्रभारी, जिला क्षय रोग केन्द्र, नागौर
खनन क्षेत्रों में सिलिकोसिस मरीजों के लिए पहले जिले में प्रत्येक शुक्रवार को मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की गाड़ी आती थी, जो अजमेर व नागौर के लिए दी गई थी। लेकिन सरकार द्वारा बजट नहीं देने तथा गाड़ी खराब होने के कारण गत सितम्बर के बाद शिविर आयोजित नहीं हो सका। हमने इसके लिए कई पत्र भी लिखे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
– डॉ. श्रवण राव, प्रभारी, जिला क्षय रोग केन्द्र, नागौर