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नागौर

घरों की नींव में रिस रहा ‘सत्तर करोड़Ó का पानी, आने लगी दरारें

कई जगह बेसमेंट में जमा हो रहा गंदा पानी तो हौज भी रिस रही गंदगी, शहर को साफ-सुथरा रखने के उद्देश्य से बनाई सीवरेज योजना बन रही दुखदायी

नागौरJul 04, 2020 / 11:31 am

Jitesh kumar Rawal

घरों की नींव में रिस रहा 'सत्तर करोड़Ó का पानी, आने लगी दरारें

नागौर. बाजरवाड़ा में सड़क पर फैला सीवरेज का पानी।

नागौर. घरों की गंदगी को नालों में बहा ले जाने एवं शहर को साफ-सुथरा रखने के उद्देश्य से बनाई सीवरेज योजना लोगेों की मुश्किल बढ़ा रही है। इस योजना पर करीब सत्तर करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सुविधा के बजाय दुविधा बन रही है। शहर के कुछ हिस्सों में जहां यह योजना अभी फलीभूत ही नहीं हो पाई, वहीं जिन इलाकों में सीवरेज लाइन बिछाई गई, वहां दुखदायी बन रही है। सीवरेज में रिसाव से न केवल घरों की नींव को खतरा बन रहा है वरन् सड़क भी टूट रही है। कई घरों के अंडरग्राउंड में जल भराव की स्थिति बनी हुई है। पानी स्टोरेज के लिए बनाए हौज में भी सीवरेज की गंदगी रिस रही है, जिससे पानी खराब हो रहा है। शहर के बाड़ी कुआं, बाजरवाड़ा, लोढ़ों का चौक, खत्रीपुरा आदि इलाकों में कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। खत्रीपुरा इलाके में सीवरेज लाइन ब्लॉक होने से पानी आगे जाने के बजाय मैनहोल से बाहर आ रहा है। लम्बे समय से पानी बहने के कारण सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है। कीचड़ व गंदगी के बीच टूटी सड़क पर आवागमन मुश्किल हो रहा है।
दुर्गंध के मारे गुजरना मुश्किल
लोढ़ों का चौक में नक्काशीदार हवेली बनी हुई है, जो बेहद आकर्षक है। पुरानी हवेली को लोग अक्सर निहारते नजर आते हैं, लेकिन इसके पास ही सीवरेज लाइन की गंदगी समस्या बढ़ा रही है। हवेली को देखकर वाह-वाह करते लोग दुर्गंध के बीच मुंह बंद कर आह करने लगते हैं। अजित लोढ़ा ने बताया कि गंदगी के कारण यहां से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। इसी मोहल्ले के एक युवक ने बताया कि जिला कलक्टर को भी इस सम्बंध में जानकारी दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जल्द ही समाधान नहीं होने पर आंदोलन छेडऩे की चेतावनी दी।
शहरवासियों की जुबानी…
बाजरवाड़ा क्षेत्र के अनिल सोनी ने आरोप लगाते हुए बताया कि सीवरेज लाइन डालने के लिए ठेकेदार ने अलग से आठ सौ रुपए भी लिए थे, लेकिन सही तरीके से कनेक्शन नहीं किया। अब भी अवरोध आने पर केवल सरिया डालकर ही अवरोध हटाते हैं। इनके पास कचरा व गंदगी निकालने की मशीन तक नहीं है। बदबू के कारण दिनभर मुश्किल रहती है। ठोस निराकरण नहीं हो रहा तो सीवरेज से क्या फायदा मिला। बाड़ी कुआं क्षेत्र निवासी रामज्योति सोलंकी ने बताया कि सीवरेज का पानी घरों में रिस रहा है, जिससे मकान को नुकसान पहुंच रहा है। बेसमेंट में भी गंदगी आ रही है। ओमप्रकाश ने बताया कि मकान की दीवारों में दरारें आ गई हैं तथा गिरने की स्थिति बन रही है। लोढ़ों का चौक निवासी कांता ने बताया कि सीवर लाइन से रिसकर हौज में गंदा पानी आ रहा है। इससे तो पहले वाली नालियां ही ठीक थी। लोग बताते हैं कि सीवरेज लाइन में अवरोध आने पर फौरी कार्रवाई कर चले जाते हैं। अक्सर शिकायत के बावजूद कई दिन तक ठीक ही नहीं करते। ठोस निस्तारण नहीं होने से यह समस्या मिटने का नाम नहीं ले रही।
फैक्ट फाइल
नगर परिषद की ओर से बनाई इस योजना में 70 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत आधे से ज्यादा काम हो चुका है। शहर के कुछ हिस्सों में काम अभी चल रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट भी निर्माणाधीन है।
समस्या है तो दिखवा लेंगे…
सीवरेज लाइन का काम आधे से ज्यादा हो चुका है। इसमें पाइप डाले हुए है इसलिए रिसाव नहीं होना चाहिए। फिर भी समस्या है तो दिखवा लेंगे।
– जोधाराम बिश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर
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