रोडवेज के समानांतर चलती प्राइवेट बस सेवा
नाागौर आगार से करीब 78 बसों का चालन किया जाता है। इनमें औसतन अनुबंधित बस सेवा को निकाल दिए जाने पर निगम की स्थिति प्राइवेट बसों की संख्या के अनुपात में एक तिहाई के बराबर ही रह जाती है। नागौर से अजमेर, जोधपुर, गुजरात, जयपुर सहित कई बड़े शहरों में रोडवेज बस सेवा के रूट पर इससे तीन गुना ज्यादा बसों का संचालन किया जा रहा है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि प्राइवेट बस सेवा का संचालन निगम के रूटों पर ही किए जाने से स्थिति बिगड़ी है। जबकि प्राइवेट बस सेवा का चालन निर्धारित मापदंडों के प्रतिकूल रोडवेज के समानांतर रूटों पर किया जा रहा है।
इस पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार प्राइवेट बस सेवा उनके मुख्य बस स्टैंड एवं बुकिंग विंडो के आसपास से किया जाता है। जहां पर निगम की बसें यात्रियों के लिए खड़ी होती है, वहीं पर प्राइवेट बस सेवा की बसें भी खड़ी कर दी जाती है। कई बार निगम की बसों पर बैठे हुए यात्रियों को भी लोक परिवहन सेवा के चालक अपनी बसों में ले जाकर बैठा देते हैं। इसको लेकर आए दिन निगम एवं प्राइवेट बस सेवा के चालकों के बीच रार भी होती रहती है।
आंकड़ों पर नजर
प्राइवेट सेवा बसों की संख्या-900 से भी ज्यादानिगम के बसों की संख्या-78 (अनुबंधित सहित)एक साल में प्राइवेट बस सेवा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की स्थिति 20 प्रतिशत भी नहींनिगम बस सेवा का प्रतिदिन का प्रभावित राजस्व-4-5 लाखनिगम का प्रतिदिन का राजस्व औसतन-11 लाख लगभगविशेष: निगम के मुख्य बस स्टैंड एवं बुकिंग विंडों के आसपास से प्राइवेट सेवा की ओर से सवारियां बैठाना।
मूण्डवा चौराहा से बस स्टैंड तक यह रहते हालात
निगम के अधिकारियों के अनुसार जिले भर में प्राइवेट बस संचालकों की मनमनर्जी के कारण आए दिन यातायात व्यवस्था में भी प्रतिकूल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। केन्द्रीय बस स्टैंड के पास ही स्थित मूण्डवा चौराहा से लेकर विजयवल्लब चौराहा तक खड़े होने वाले प्राइवेट बसों की संख्या तीन दर्जन से ज्यादा रहती है। प्रति घंटे करीब दर्जन भर बसें प्राइवेट सेवा की यात्रियों को लेकर गंतव्यों तक रवाना होती है। इसी से बिगड़ी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। बुधवार को भी प्राइवेट बस संचालकों एवं अन्य सवारी वाहनों के कारण विजयबल्लब चौराहे पर दोपहर में जाम लगा रहा। इससे न केवल यातायात बाधित हुआ, बल्कि रोडवेज की बसों को भी निकलने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
इनका कहना है…
प्राइवेट बस सेवा न केवल रोडवेज के बसों के समानांतर चलती है, बल्कि इसके संचालन से प्रतिदिन 25-30 प्रतिशत का राजस्व प्रभावित होने लगा है। इस संबंध में कार्रवाई कराने के लिए जिला कलक्टर व जिला परिवहन अधिकारी को लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है।
ऊषा चौधरी , मुख्य प्रबन्धक नागौर आगार