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नागौर

घोष वादन के साथ हुआ शस्त्र पूजन

Nagaur. राष्ट्रीय स्वंयवेक संघ के स्थापना दिवस एवं विजयदशमी पर्व पर घोष वादन करने वाले स्वंयसेवकों ने ही इस बार पथ संचलन किया

नागौरOct 15, 2021 / 10:40 pm

Sharad Shukla

Weapon worship with Ghosh playing

Weapon worship with Ghosh playing

नागौर. राष्ट्रीय स्वंयवेक संघ के स्थापना दिवस एवं विजयदशमी पर्व पर घोष वादन करने वाले स्वंयसेवकों ने ही इस बार पथ संचलन किया। कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना का भी ध्यान रखा गया। सुबह करीब नौ बजे घोष वादन करते निकले स्वंयसेवकों के संगीत एवं कदमतालों से माहौल बदला-बदला सा रहा। सधे हुए कदमों से कदमताल करते घोष वादन करते स्वंयसेवकों के विभिन्न मार्गों से गुजरने के दौरान सडक़ों के दोनों ओर लोग देखते हुए नजर आए। संघ स्थान से गांच्छा बस्ती,कुमारी दरवाजा,रामपोल होते हुवे बालसमन्द संघ स्थान तक घोष वादन के साथ पथ संचलन करते हुए संघ स्थान पर पहुंचे। इसमें घोष वादक आनक, शंख,वंशी आदि का वादन करते पथ संचलन करते चल रहे थे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर सह प्रांत कार्यवाह खेमाराम व नागौर विभाग संघचालक केवलराम गोड की ओर से संघ के गुरु प्रतीक भगवा ध्वज के सम्मुख यह शस्त्र पूजन किया गया ।
विश्व में हिंदुत्व बचेगा तो ही सृष्टि बचेगी
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर सह प्रांत कार्यवाह खेमाराम ने कहा कि संघ द्वारा इस कोरोना की विभीषिका में अनेक सेवा कार्य किए गए तथा तीसरी लहर की आशंका में तैयारियां भी की गई । ग्राम सुरक्षा समिति के माध्यम से समाज की आवश्यकता व संगठन की क्षमता व ताकत के अनुसार कार्य किया गया । हम संस्कृति के वाहक बन कर पीढ़ी दर पीढ़ी कार्य करते रहेंगे, ऐसा संकल्प भाव मन में होना चाहिए । हिंदुत्व हमारा आधार है । हममें संगठन के अनुसार आत्मसात होने व कार्य करने का भाव भी तो होना चाहिए । उन्होंने कहा कि विश्व में अपने अलावा दो अन्य विचारधाराएं हैं । जिसमें एक के अनुसार जो हमारे अनुसार नहीं चलेगा या मजहब में विश्वास नहीं करेगा वह नरक में जाएगा । दूसरे पंथ के अनुसार जो हमारे अनुसार नहीं चलता है उन्हें जीने का अधिकार नहीं है । इसी का एक रुप अफगानिस्तान में भी अभी हाल ही में दिखाई दिया जहां आम नागरिकों के साथ हुए अन्याय के विरुद्ध बोलने का साहस ही नहीं किया गया बल्कि ऐसे आचरण की प्रशंसा भी की गई । उन्होंने कहा कि अगर शासन शरीयत के अनुसार चलेगा तो क्या लोकतंत्र व्यवस्था श्रेष्ठ नहीं है । उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में अनेक वर्षों तक संघर्ष का कालखंड रहा है । यह संघर्ष मानवता को बचाने का संघर्ष रहा है जिसमें छत्रपति शिवाजी , महाराणा प्रताप आदि महान पुरुषों के द्वारा योगदान किया गया । विश्व में अगर हिंदुत्व बचेगा तो ही सृष्टि बचेगी क्योंकि हम सभी मानवतावादी दृष्टिकोण व वसुधैव कुटुंबकम का भाव रखते हैं । उन्होंने कहा कि विजयादशमी के दिन यह संकल्प मन में धारण करना चाहिए कि रावण राक्षसी वृत्ति के स्थान पर हम राम वृत्ति धारण करें । कोऊ नृप होय हमें का हानि के स्थान पर राष्ट्रीय भाव मन में रखें । मुफ्त राशन व पानी के लोभ में मतदान के निमित्त राष्ट्रीय भाव को नहीं छोड़े । उन्होंने कहा कि संघ स्थान सज्जन शक्ति को पुष्ट करने का स्थान है । अत: इसकी साधना हेतु सतत व नियमित रूप से संघ स्थान पर आना ही श्रेष्ठकर है । कार्यक्रम में नागौर विधायक मोहनराम चौधरी , जगवीर छाबा , रुद्र कुमार शर्मा , राम सिंह राठौड़ , रामावतार चांडक , अरुण सोनी आदि उपस्थित थे ।


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