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नागौर

भगवान की शरण में जाने से चिंताओं का नाश

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नागौरFeb 04, 2019 / 07:50 pm

Ravindra Mishra

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भगवान की शरण में जाने से चिंताओं का नाश

मूण्डवा। जिस लोक में हम रहते हैं वह मृत्यु लोक कहलाता है। इसमें मनुष्य की मृत्यु अटल है। उसे टाला नहीं जा सकता, लेकिन समय रहते ईश्वर भक्ति, दान व सेवा से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है। भगवान की शरण में जाने पर भगवान उसकी सभी चिंताएं मिटा देते हैं। मन में सब की भलाई व कल्याण की भावना रखें। सनातन धर्म में भी यही कहा गया है कि सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया। जो व्यक्ति केवल स्वयं का स्वार्थ देखता है उसकी प्रार्थना भगवान भी स्वीकार नहीं करते हैं। ये विचार सोमवार को लाखोलाव तालाब पर स्थित रामद्वारा शाहपुरा में संत भागीरथराम शास्त्री के सानिध्य में चल रही भागवत कथा के दौरान संत गोविन्दराम शास्त्री ने व्यक्त किए।
संत ने कहा कि कई लोगों को घर में बिस्तर पर नींद नहीं आती और सोते समय बच्चों को चुप कराने पर भी नींद नहीं आती, लेकिन भगवान की कथा में बड़े-बड़े स्पीकर की आवाज में भी नींद आ जाती है। उनको नींद आने की बीमारी है। वें व्यक्ति भागवत कथा अवश्य सुनें। संत का समाज में बड़ा महत्त्व है, जो स्वयं को व दूसरों को तारता है। उसी का नाम संत है। कथा में मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
भागवत कथा का आनन्द लेने मूण्डवा शहर सहित आसपास के गांवों से सैंकड़ों की संख्या में भक्त यहां पहुंच रहे हैं। जगदीश जाट, रामुराम सैन, किशोर गोदारा, किस्तुरराम, राधाकिशन भोजावत, बाबूलाल, जगदीश, तुलछीराम खाती, रामप्रसाद, मांगीलाल सैन, रामेश्वर खाती, नरसिंह वैष्णव, आईदानराम, आदूराम, मनिराम ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया। कथा के लिए भडाणा, बींठवाल, फिड़ौद, थिरोद, पालड़ी पिचकिया, डुकियों की ढाणियां, ईनाणा से भक्तों के आने-जाने के लिए वाहन व्यवस्था की गई है।

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