बहन से कुंड वाली चामुंडा माता मंदिर के ओटले के उपर से पानी होकर गुजर रहा है। उम्मीद लगाई जा रही है कि, गुरुवार पूरी रात बारिश होने के बाद चामुंडा माता मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो जाएगा। मानसून की बारिश में यह पहला मौका है कि डेम का पानी चामुंडा माता मंदिर के ओटले से होकर गुजर रहा है।
इलाकों में आफत का सबब बनकर बरस रही है। दो दिनों से लगातार जारी बारिश से दयानंद कॉलोनी गली नंबर स्थित संगीता भूरठ बाई के मकान की दीवार धराशाई हो गई। गनीमत रही कि, घटना में किसी प्रकार कोई जनहानी नहीं हुई। भूरठ के अनुसार बारिश के चलते रात को एकाएक दिवार भरभरा कर गिर गई।
स्थिति उत्पन्न हुई है, यदि बारिश रुक-रुक कर होती तो पानी जमा होने की परेशानी नहीं खड़ी होती।
लेकिन परेशान करने वाली बात यह है कि, आजीविका के लिए मछलियों को पकड़कर उन्हें बेचने का कार्य करने वाले यह मछुवारे चंबल के उफनते पानी में अपनी जान जोखिम में डाल रहे है। रुपए कमाकर पेट की भूख मिटाने के चक्कर यह इस बात को भूल रहे है कि, यदि नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया तो इनका क्या होगा। बता दें कि, कुछ वर्ष चंबल नदी इसी प्रकार अपने तेज बाहव पर थी, इसी दौरान में नदी में मछलियां पकड़ते हुए कुछ लोग पानी में फंस गए थे। जिन्हें प्रशासन की मदद से नदी से सुरक्षित बाहर निकाला गया था।नगर सरकार की खुली पोल, लाखों की सड़क बनी
नदी शहरवासियों को सुगम व सुविधा युक्त सड़कें देने का दावा करने वाली नगर सरकार का असली चेहरा बारिश ने उजागर किया है। बारिश ने कुछ माह पूर्व ही बनी सड़कों को धो डाला है। बारिश लाखों की सड़कों पर इस कदर हावी हो रही है सड़कों को गड्ढों में तब्दील कर दिया है। विड़बना यह है कि उक्त चित्र नगर सरकार के कार्यालय के प्रमुख द्वार से कुछ दूरी का ही। शहर के जवाहर मार्ग, महिदुपर पहुंच उत्कृष्ट सड़क मार्ग, पुराने बस स्टैंड से पुराने ओवर ब्रिज पहुंच मार्ग, एप्रोच रोड, सुभाष मार्ग थाना चौराहा की सड़कों के हालत बद से बदत्तर हो चुके है। राहगीर गड्ढों भरी सड़कों से गुजरने को मजबूर है।