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इस शहर में स्वच्छता के नाम करोड़ों रुपए खर्च, फिर भी गंदगी से पटा पड़ा

पत्रिका टीम ने विधायक के निवास स्थान और नपा कार्यालय के आसपास सुविधाओं का जायजा लिया

नागदाOct 26, 2018 / 12:53 am

Lalit Saxena

patrika

In this city, crores of rupees in the name of cleanliness were spent,

नागदा. वैसे तो कहने को हमारा शहर जिले का सबसे बड़े शहर में इसकी गिनती की जाती है। इसके अलावा शहर को अमृत योजना में भी शामिल किया गया है। स्वच्छता पर शहर को परखे तो हाल ही में म.प्र सरकार द्वारा स्वच्छ प्रदेश स्वस्थ्य प्रदेश अभियान के तहत करवाए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में नागदा का नम्बर पूरे सूबे में तीसरा आया है। पर धरातल पर हकीकत को जाने तो नपा ने पिछले दिनों स्वच्छता के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च करने के बाद भी शहर का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां गंदगी नजर नहीं आती हो। इतना ही नहीं पत्रिका ने जब विधायक दिलीप सिंह शेखावत के निवास स्थान और नपा कार्यालय के आसपास के इलाके की सफाई व्यवस्था का जायजा लिया तो दिया तले अंधेरा नजर आया। इसके अलावा शहर की यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमराई नजर आई। ड्रेनेज सिस्टम के भी हाल बेहाल दिखाई पड़े। यानी सड़क बिजली को छोड़ दें, तो पांच साल पहले जो समस्या शहर में थी वह आज भी यथावत है।
सफाई : शहर में सफाई व्यवस्था की हकीकत जानने के लिए हमने जब मनोहर वाटिका स्थित विधायक के निवास स्थान का जायजा लिया तो हालात बहुत ही खराब नजर आए। विधायक के निवास स्थान कचरा डालने के लिए नपा ने डस्टबिन लगावा रखे है, लेकिन यह डस्टबिन पूरी तरह से जमीन से उखड़ कर बेकार पड़े है। इसके अलावा विधायक निवास स्थान के आसपास ही खाली पड़े भूमि में बड़ी बड़ी गाजर घास उग चुकी है। जिसमें सांप जैसे जहरीले जानवर आए दिन निकल कर कॉलोनी में विचरण करते है। सफाई व्यवस्था के हाल का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि माननीय के घर के नजदीक ही पिछले दिनों नवरात्रि पर्व के दौरान संस्कार ग्रुप ने कपल गरबा का आयोजन किया था। जिसका कचरा प्लास्टिक के डिस्पोजल और और पानी के खाली पाउच पूरे मैदान में बिखरे पड़े है।
ड्रेनेज : अगर शहर की ड्रेनेज सिस्टम की हकीकत को जानना है। तो कही जाने की जरूरत नहीं है। नपा कार्यालय के सामने स्थित नाले को देखने मात्र से ही पूरे शहर के ड्रेनेज की हालात का अंदाजा लग जाएगा। दरअसल इस नाले में जमा पानी और गंदगी को देखने के बाद यह कहना गलत नही है कि दिया तले ही अंधेरा है। नाले की हालात इतनी खराब है कि लोगों का यहां खड़ा रहना मुश्किल हो रहा है। नाले में पनप रहे मच्छर लोगों को बीमार कर रहे हैं।
अतिक्रमण : शहर के ज्यादातर मार्ग अतिक्रमण की चपेट में है। मुख्य मार्ग के हालात तो इतने खराब है कि चौड़ी सड़के भी तंग गलियों में तब्दील हो चुकी हैं। पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क पर ही लोग आड़े तिरछे कहीं भी वाहन खड़े कर देते है। वहीं जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण व्यापारियों ने भी सड़क पर अस्थाइ तौर पर अतिक्रमण कर रखा है, जिसके कारण मेन रोड पर रोज जाम की स्थिति से आम लोगों और वाहन चालकों को जूझना पड़ता है। हालांकि पत्रिका के अलर्ट के बाद पिछले दो दिनों से प्रशासन और नपा ने कुछ मुख्य मार्गों के अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की है।

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