अधीक्षिका मां की तरह देखभाल कर रही
पूछने पर बताया सेंटर में वह सभी जरूरी सुविधा है जो एक व्यक्ति को मुसीबत के समय मिलनी चाहिए। अधीक्षिका मां की तरह देखभाल कर रही हैं। सुरक्षा के साथ ही भोजन और सफाई से संतुष्ट है। ये मैं नहीं वे पांच सखियां छात्रायें कुमारी, सुनीता, सोनदाय, जामवन्ती, लच्छनतीन और अमरोतीन बोल रही है। जो 4 मई से नारायणपुर के गंराजी स्थित सरकारी बुनियादी कन्या शाला के क्वारंटीन सेंन्टर में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में है। ये सभी बिलासपुर से लायी गई है। इसके साथ ही एक सहायक प्राध्यापक भी बनारस से आयी है। वह भी क्वारंटाइन में है।
लॉकडाउन में फंसे लोग आ रहे वापस
पहले बताना लाजमी होगा कि दूसरे राज्यों या शहरों से आने वाले मजदूरों या व्यक्तियों को 14 दिन तक रखने के लिए जिले में 15 क्वारंटीन सेंटर बनाये गये है। जिसमें नारायणपुर गंराजी स्थित 500 सीटर कन्या शाला आश्रम भी एक है। दूसरें राज्यों या नारायणपुर से बाहर के शहरों से वापस आये लोगों को इनमे क्वारंटीन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदम से कोरोना से मजबूर प्रवासी मजदूरों को लाभ मिला। प्रवासी मजूदरों की आवाजाही की यह शुरूआत है। पिछले डेढ़ माह से अधिक समय से लॉकडाउन में फंसे लोग अब धीरे-धीरे शासन द्वारा वापस लाया जा रहा है।