प्रत्याशियों के नाम एवं उनका चुनाव चिन्ह अंकित होता है
विधानसभा निर्वाचन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने 14 विधानसभा स्तरीय मास्टर ट्रेनर बनाये गये हैं। इन 14 मास्टर ट्रेनर को जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर मनोज बागड़े ने प्रशिक्षण दिया गया। 14 मास्टर ट्रेनर जिले के डाटा बेस जानकारी में दर्ज कुल 2925 कर्मचारियों को 50-50 की संख्या में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस बार बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट के साथ ही वोटर वेरिफ ाईड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन का उपयोग किया जाएगा। मास्टर ट्रेनर मनोज बागड़े ने बैलेट यूनिट, वीवीपीएटी एवं कंट्रोल यूनिट के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तारपूर्वक जानकारी देते बताया कि बैलेट यूनिट में प्रत्याशियों के नाम एवं उनका चुनाव चिन्ह अंकित होता है। बैलेट यूनिट को निर्वाचन कार्यालय से ही मतदान हेतु पूरी तरह तैयार कर मतदान अधिकारियों को दिया जाता है।
किसको वोट दिया 7 सेकेण्ड में पता लगता है
उपस्थित मतदाता बैलेट यूनिट से अपना मत देकर वीवीपैट मशीन की सहायता से इस बात की जांच करते हैं कि उन्होंने जिस प्रत्याशी को अपना मत दिया है उन्हें ही प्राप्त हुआ है अथवा नहीं। मतदाता द्वारा जिस प्रत्याशी को मत दिया जाता है उसका प्रदर्शन वीवीपीएटी मशीन में 7 सेकेण्ड के लिये होता है, जिसे देखकर मतदाता अपने दिये गये मत से संतुष्ट हो सकते हैं। मॉक पोल के द्वारा किये गये मतदान की वीवीपैट से निकली पर्ची को एक काले लिफाफे में बंद कर दिया जाता है तथा पीठासीन अधिकारी द्वारा मॉक पोल कराने संबंधी घोषणा की जाती है। इस बार के विधानसभा निर्वाचन में पहली बार वीवीपीएटी का उपयोग किया जाएगा। इसकी सहायता से मतदाता मतदान के दौरान यह देख सकेंगे कि उन्होंने जिस प्रत्याशी के लिये मतदान किया है, उन्हें ही मत प्राप्त हुआ है या नहीं। इस मशीन में 7 सेकेण्ड तक डाले गये मत का प्रदर्शन होगा। मतदान को पारदर्शी बनाने के लिए यह प्रयोग हो रहा है।