scriptस्मृति शेष : नहीं रहे गोवा सत्याग्रही रमेशचंद्र सैनी | Goa Satyagrahi Rameshchandra Saini is no more | Patrika News
नर्मदापुरम

स्मृति शेष : नहीं रहे गोवा सत्याग्रही रमेशचंद्र सैनी

नहीं रहे गोवा सत्याग्रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रमेशचंद्र सैनी, आज सम्मान के साथ राजघाट में होगा अंतिम संस्कार

नर्मदापुरमAug 08, 2022 / 08:47 pm

Manoj Kundoo

Goa Satyagrahi Rameshchandra Saini is no more

Goa Satyagrahi Rameshchandra Saini is no more

नर्मदापुरम
गोवा आंदोलन में शामिल सबसे कम उम्र के रमेशचंद सैनी (92) हमारे बीच नहीं रहे। अब उनकी स्मृति शेष है। आंदोलन में शामिल होने के दौरान जब उनसे कहा गया कि जाओ घर जाकर माता-पिता की आज्ञा लेकर आओ तब उन्होंने कहा था- ‘बलिदान देने वालों के लिए आज्ञा की नहीं आशीर्वाद की जरूरत होती है’!
गोवा सत्याग्रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रमेशचंद्र सैनी पिछले कुछ समय से लगातार बीमार चल रहे थे। पौत्र नीतेश सैनी ने बताया कि रविवार 7 अगस्त को रात 10 बजे दादा रमेशचंद्र सैनी ने रेवा भगवती नगर मालाखेड़ी स्थित अपने निवास पर अंतिम सांसें ली। उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार 9 अगस्त को सुबह 11 बजे उनके निवास स्थान रेवा भगवती नगर मालाखेड़ी रोड से राजघाट जाएगी। यहां सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

संस्मरण…
11 अगस्त 1955 को महू छावनी से सुबह करीब 11 बजे गोवा सत्याग्रह में जाने वाले सत्याग्रहियों का जत्था रेलवे स्टेशन महू की ओर जा रहा था। नारों और बैंड बाजे की आवाज से गगन गूंज रहा था।
मैं रमेशचंद्र और मेरा दोस्त रमेश शर्मा जो की फौज से छुट्टी पर आए थे। हम दोनों कंपनी बाग के रोड पर खड़े थे। दोनों में अचानक देशप्रेम की भावना जागी, हम भी गोवा सत्याग्रह के जत्थे में शामिल हो गए।
जत्थे का नेतृत्व बद्रीप्रसाद कामरेड कर रहे थे। सोमा भाई साहब महू छावनी कांग्रेस अध्यक्ष ने हमें सीने से लगाया और पीथ थपथपाकर बोले, जत्थे में तुम सबसे कम उम्र (25 बरस) के हो। आश्चर्य व्यक्त करते हुए बोले- घर जाकर माता-पिता की आज्ञा लेकर आओ। तब मैंने कहा- बलिदान देने वालों के लिए आज्ञा की नहीं आशीर्वाद की जरूरत होती है, जो आपसे मिल गया। आकाश में नारे गूंजने लगे ‘लाठी गोली खाएंगे, फिर भी गोवा जाएंगे’।
-जैसा स्व. रमेशचंद्र सैनी के पौत्र नीतेश सैनी ने बताया

राजस्थान से आए महू कैंट बसाया-
गोवा सत्याग्रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. रमेशचंद्र सैनी मूलत: राजस्थान के उचैरा गांव के रहने वाले थे। उनके पौत्र नीतेश बताते हैं कि इंदौर महू कैंट को दादा रमेशचंद्र ने ही बसाया था। स्व. रमेशचंद्र सैनी के चार बेटे विनोद, संजय, सुनील और स्व. राजेश सैनी हैं। दादा रमेशचंद्र का संस्मरण सुना रहे नीतेश के पिता स्व. राजेश सैनी थे।

Home / Narmadapuram / स्मृति शेष : नहीं रहे गोवा सत्याग्रही रमेशचंद्र सैनी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो