तिरंगामय बनाएं प्रदेश
देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त (तीन दिन) तक देश-प्रदेश में ध्वज फहराए जाएंगे। हमारे देश में तिरंगा फहराने से जुड़े सारे नियम-कायदे फ्लैग कोड 2002 के तहत आते हैं।
सजा का भी प्रावधान
तिरंगे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर अपमान करने पर सजा का प्रावधान है। तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
जानिए क्या हैं नियम
फ्लैग कोड को तीन भागों में बांटा गया है। पहले भाग में तिरंगे
से जुड़ी सामान्य जानकारियां हैं। दूसरे भाग में आम लोग, निजी संगठन और दूसरे संस्थानों के तिरंगा फहराने से जुड़े नियम हैं। तीसरे भाग में केंद्र, राज्य सरकार और उनसे जुड़े संगठन-एजेंसियों के तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून हैं।
पहला: अब तक हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज फहराने की इजाजत थी। अब मशीन से बना हुआ कपास, ऊन या रेशमी खादी से बना तिरंगा भी फहरा सकते हैं।
दूसरा: अब तक घर, निजी संगठन या दूसरे संस्थानों में तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराने की अनुमति थी। बदलाव के बाद आम लोग, निजी संगठन या संस्थान रात में भी तिरंगा फहरा सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
तिरंगा फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए।
अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं। 24 तिल्लियां जरूरी है।
किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को नहीं छूना चाहिए।
किसी अन्य ध्वज को तिरंगे से ऊंचा नहीं लगा सकते हैं।
नर्मदा कॉलेज तिराहे तक निकाली यात्रा
पुलिस परेड ग्राउंड से शुरू हुई यात्रा मीनाक्षी चौक, नर्मदा कॉलेज से लेकर सर्किट हाउस से एसपी ऑफिस, से होते हुए पुलिस ग्राउंड पर समाप्त हुई। कलेक्टर एवं एसपी ने नेतृत्व कर रैली में उर्जा का संचार किया। नर्मदा कॉलेज के पास से कलेक्टर एवं एसपी ने रैली के अंतिम छोर में शामिल होकर यहां बच्चों का उत्साह बढ़ाया।