इस संबंध में सोमवार को जेडी डॉ. अमृतलाल मरावी, उपसंचालक डॉ.सुधीर जैसानी पूरे मामले को लेकर रिकार्ड खंगालने के लिए पहुंचे थे। सोमवार को स्त्री रोग विशेषज्ञों से एक टीम ने बढ़े हुए सीजेरियन के कारणों को लेकर लिखित रिपोर्ट विभाग से मांगी है। यह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। इधर, सीएमएचओ कार्यालय द्वारा उन सभी अस्पतालों की जांच की जाएगी, जहां सीजेरियन अधिक हुए हैं।
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जिले में सीजेरियन की स्थिति
अप्रैल 2017 से 2018 तक के आंकड़े
अस्पताल – समान्य प्रसव – सीजेरियन
जिला अस्पताल होशंगाबाद – 1735 -695
जेएसआर इटारसी -741 -324
शासकीय अस्पताल पिपरिया -498 -045
निजी अस्पताल होशंगाबाद जिला -556 -418
जिला अस्पताल होशंगाबाद – ५४०६ -२२९९ ४२.५३ प्रतिशत
जेएसआर इटारसी – २३४३ -९९४ ४२.४२ प्रतिशत
शासकीय अस्पताल पिपरिया – १६८९ -१०६ ०६.२८ प्रतिशत
निजी अस्पताल होशंगाबाद जिला -३२२९ – १७७४ ५४.९४ प्रतिशत इन कारणों से होते हैं सीजेरियन
– ब्लड प्रेशर बढऩे, महिलाओं की कूल्हे की हड्डी छोटी होने ,बच्चेदानी का मुंह नहीं खुल पाने, ज्यादा खून बहने, बच्चे की धड़कन कम होने या गले में गर्भनाल लिपटी होने, बच्चे का आड़ा या उल्टा होना, कमजोरी या खून का दौरा कम होने पर और बच्चे द्वारा पेट में ही मल, मूत्र छोड़ देने पर ऑपरेशन किया जाता है।
– डॉ. मलय जायसवाल, पीजीएमओ जिला अस्पताल होशंगाबाद