जरूरत के सामना पर असर
घर के सामान के लिए बर्तन लेने थे। गेहूं रखने का कंटेनर महंगा होने के कारण अब प्लास्टिक का ड्रम लेकर कुछ दिन काम चलाना पड़ेगा।
-राहुल नामदेव, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी
महंगाई तो बहुत हो गई
इस बार तो सभी चीज महंगी मिल रही हैं। भतीजी की शादी के लिए बर्तन लेने आए थे। हालांकि अन्य रिश्तेदारों ने दूसरे विकल्प देख लिए हैं।
-माधुरी यादव, ग्वालटोली
अप्रेल-मई में विवाह का सीजन
अप्रेल-मई में विवाह के 18 मुहूर्त हैं। लोगों ने इसकी खरीदना शुरू कर दी है। इस दौरान पीतल के कलश, परात, टंकी की ज्यादा खरीददारी होती है। इसके अलावा अन्य रस्मों में भी बर्तनों की जरूरत होती है। ऐसे में लोग बजट के हिसाब से खरीददारी कर रहे हैं। एक करोड़ सालाना व्यापार शहर में बर्तनों की करीब 40 दुकानें हैं। इस सीजन बर्तन व्यापारियों को बिक्री बेहतर होने की उम्मीद है। महंगाई के हिसाब से ग्राहकी अभी तो कम है, लेकिन शादियों का सीजन होने और कोरोना की पाबंदिया हटने से बाजार बेहतर होने की उम्मीद है। हालांकि बर्तनों में महंगाई का कारण पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों को बताया जा रहा है।
इसलिए बढ़ रहे दाम…
बर्तनों में महंगाई का कारण पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों को बताया जा रहा है, क्योंकि परिवहन महंगा होने के कारण यह स्थिति बन रही है। इसके अलावा पैङ्क्षकग और मालभाड़ा भी महंगाई बढऩे के कारण हैं।
बर्तन – वर्ष 2021 – वर्ष 2022
तांबा – 900 – 1000
पीतल – 700 – 800
स्टील – 250 – 300
एल्यूमिनियम – 250 – 300
परिवहन चार्ज लग रहा
लोग खरीददारी तो करते हैं, लेकिन जो लोग 5 पांच हजार का सामान खरीदते थे वह अब 4 हजार का खरीद रहे हैं। पहले 300 रुपए परिवहन का चार्ज लगता था। अब 500 रुपए तक पहुंच गया है। जिससे सामान महंगे हो गए हैं।
-नवीन वर्मा, बर्तन व्यवसायी