scriptलाड़ली को कचरे में फेंका देवदूत बनकर पहुंचे 108 एम्बुलेंस के कर्मी | 108 ambulance personnel reached Ladli as garbage | Patrika News

लाड़ली को कचरे में फेंका देवदूत बनकर पहुंचे 108 एम्बुलेंस के कर्मी

locationनरसिंहपुरPublished: Nov 19, 2020 09:38:05 pm

Submitted by:

ajay khare

किसी ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी और फिर देवदूत बनकर पहुंचे ईएमटी यानी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन हेमंत प्रजापति ने उसे कीचड़ से उठाया, कपड़े में लपेटा,

1901nsp9.png

baby

नरसिंहपुर. जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारो। मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। फानूस बन कर जिसकी हिफातज खुदा करे,वो शमा क्या बुझे जिसे रोशन खुदा करे। ये सारी कहावतें गुरुवार सुबह 9 बजे उस समय चरितार्थ हुईं जब किसी ने अपनी नवजात को कीचड़ में मरने के लिए फेंक दिया। नवजात के तन पर न कपड़ा था और न कोई उसका रुदन सुनकर सीने से लगा कर चुप कराने वाला। पर ईश्वर की मर्जी उसे जीवित रखने की थी, लिहाजा किसी ने १०८ एम्बुलेंस को सूचना दी और फिर देवदूत बनकर पहुंचे ईएमटी यानी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन हेमंत प्रजापति ने उसे कीचड़ से उठाया, कपड़े में लपेटा, एम्बुलेंस में उसे ऑक्सीजन लगाई और फिर अपने कलेजे से लगाकर उसे जिंदा रहने के लिए जरूरी ऊष्मा दी ताकि शरीर गर्म रहे और सांसें चलती रहें। अब बच्ची स्वस्थ है और १०८ को सूचना देने से लेकर उसे अस्पताल में दाखिल कराने वाले एम्बुलेंस स्टाफ और उसका उपचार करने वाले डॉक्टर नर्स इस बात से बेहद खुश हैं कि उनकी मेहनत कामयाब रही।
इस तरह बची लाड़ली लक्ष्मी
९ बज कर १४ मिनट पर १०८ एम्बुलेंस के स्टाफ ईएमटी हेमंत प्रजापति और पायलट नितिन जाट को यह सूचना मिली कि नरसिंहपुर मेंवन विभाग कार्यालय परिसर में एक नवजात कीचड़ में पड़ा है। महज ४ मिनट में १०८ मौके पर थी। ईएमटी प्रजापति फुर्ती से वाहन से उतरे बिना एक पल गंवाए नवजात को कीचड़ से उठाया,नर्म कपड़े में लपेटा और वाहन में सवार हो गये। गाड़ी तत्काल जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़ी। चलती गाड़ी में ही उसे जरूरी उपचार दिया गया। सायरन बजाती हुई एम्बुलेंस कुछ ही मिनट में जिला अस्पताल में दाखिल हुई और ईएमटी व स्टाफ ने सीधे उसे एसएनसीयू में दाखिल करा दिया। जहां मौजूद चिकित्सकीय स्टाफ ने उसे हांथों हाथ लिया और तत्काल उसका उपचार शुरू कर दिया। जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती नवजात की सांसों ने रफ्तार पकड़ ली और कुछ ही देर में डॉक्टरों ने बच्ची के स्वस्थ्य और खतरे से बाहर होने की पुष्टि कर दी।
उसे भर्ती करने के लिए टिकट बनाने और पुलिस को सूचना देने की सारी औपचारिकताएं बाद में की गईं। बताया गया है कि बच्ची के जन्म के करीब दो घंटे के अंदर ही उसे फेंका गया था।
ठंड से कांप रही थी नवजात, तमाशबीन बने थे लोग
जब १०८ एम्बुलेंस का स्टाफ मौके पर पहुंचा तो नवजात कीचड़ में पड़ी रो रही थी। सुबह का समय था वह ठंड से कांप रही थी। कुछ महिला पुरुष आसपास जमा थे कुछ लोग उस अज्ञात व्यक्ति को कोस रहे थे जिसने नवजात को कीचड़ में फेंका। कोई कह रहा था यह लड़का है कोई कह रही थी यह लड़की है पर कोई भी उसकी जान बचाने कुछ भी नहीं कर रहा था। सारे लोग तमाशबीन बन कर पुलिस और एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे थे।
वर्जन
हमें यह ट्रेनिंग दी गई थी कि नवजात को जिंदा रखने उसे गर्म रखना जरूरी है । गर्म रखने के लिए उसे मां की तरह सीने से लगाना चाहिए। मैंने इस पर अमल किया।उसे ऑक्सीजन भी दी और अपने साथी पायलट नितिन जाट की मदद से तत्काल एसएनसीयू में भर्ती कराया।
हेमंत प्रजापति, ईएमटी, १०८ एम्बुलेंस
———-
पुलिस करेगी जांच
लावारिस मिले नवजात शिशु के मामले में अभी तक कोई सामने नहीं आया है। जिला अस्पताल पुलिस चौकी से सूचना संबंधित थाने को भेज दी गई है। जिस पर पुलिस आगे कार्रवाई कर यह पता करने का प्रयास करेगी कि इसे जन्म देने वाली और मौत के मुंह में फेंकने वाला कौन है। फिलहाल बच्ची स्वस्थ है।

——————————
जिले में चिंताजनक है स्त्री पुरुष अनुपात
बालिका शिशु को लेकर जिले में चिंताजनक स्थिति है। जिले में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात काफी कम है। सबसे कम अनुपात गाडरवारा में है जहां प्रति हजार पुरुषों पर केवल ९१० महिलाएं हैं। नरसिंहपुर में भी महिलाओं का अनुपात ९३० है। इस स्थिति के बावजूद कन्याओं की हत्या और उन्हें इस तरह मरने के लिए छोड़ देना समाज के लिए काफी चिंताजनक है।
फैक्ट फाइल
जिले में ये है स्त्री पुरुष अनुपात
प्रति एक हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या
तहसील- महिलाओं की संख्या
गोटेगांव-९२४
गाडरवारा-९१०
तेंदूखेड़ा- ९१८
करेली-९२४
नरसिंहपुर-९३०
—————
मातृ मृत्यु दर-१७६.२ प्रति लाख
मातृ शिशु दर-४३.४३ प्रति हजार
बाल मृत्यु दर-४६.१८ प्रति हजार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो