जब १०८ एम्बुलेंस का स्टाफ मौके पर पहुंचा तो नवजात कीचड़ में पड़ी रो रही थी। सुबह का समय था वह ठंड से कांप रही थी। कुछ महिला पुरुष आसपास जमा थे कुछ लोग उस अज्ञात व्यक्ति को कोस रहे थे जिसने नवजात को कीचड़ में फेंका। कोई कह रहा था यह लड़का है कोई कह रही थी यह लड़की है पर कोई भी उसकी जान बचाने कुछ भी नहीं कर रहा था। सारे लोग तमाशबीन बन कर पुलिस और एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे थे।
वर्जन
हमें यह ट्रेनिंग दी गई थी कि नवजात को जिंदा रखने उसे गर्म रखना जरूरी है । गर्म रखने के लिए उसे मां की तरह सीने से लगाना चाहिए। मैंने इस पर अमल किया।उसे ऑक्सीजन भी दी और अपने साथी पायलट नितिन जाट की मदद से तत्काल एसएनसीयू में भर्ती कराया।
हेमंत प्रजापति, ईएमटी, १०८ एम्बुलेंस
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पुलिस करेगी जांच
लावारिस मिले नवजात शिशु के मामले में अभी तक कोई सामने नहीं आया है। जिला अस्पताल पुलिस चौकी से सूचना संबंधित थाने को भेज दी गई है। जिस पर पुलिस आगे कार्रवाई कर यह पता करने का प्रयास करेगी कि इसे जन्म देने वाली और मौत के मुंह में फेंकने वाला कौन है। फिलहाल बच्ची स्वस्थ है।
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जिले में चिंताजनक है स्त्री पुरुष अनुपात
बालिका शिशु को लेकर जिले में चिंताजनक स्थिति है। जिले में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात काफी कम है। सबसे कम अनुपात गाडरवारा में है जहां प्रति हजार पुरुषों पर केवल ९१० महिलाएं हैं। नरसिंहपुर में भी महिलाओं का अनुपात ९३० है। इस स्थिति के बावजूद कन्याओं की हत्या और उन्हें इस तरह मरने के लिए छोड़ देना समाज के लिए काफी चिंताजनक है।
जिले में ये है स्त्री पुरुष अनुपात
प्रति एक हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या
तहसील- महिलाओं की संख्या
गोटेगांव-९२४
गाडरवारा-९१०
तेंदूखेड़ा- ९१८
करेली-९२४
नरसिंहपुर-९३०
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मातृ मृत्यु दर-१७६.२ प्रति लाख
मातृ शिशु दर-४३.४३ प्रति हजार
बाल मृत्यु दर-४६.१८ प्रति हजार