कोशिश ये है कि ऐसा कोई अस्पताल न रह जाए जहां लोगों को दूसरी लहर की तरह ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर भटकना पड़े। ऐसे में बड़े अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे तो छोटे अस्पतालों में सिलिंडर और कंसंट्रेटर का मुकम्मल इंतजाम किया जा हा है।
जहां तक नरसिंहपुर की बात है तो कलेक्टर वेदप्रकाश कहते हैं कि, कोरोना की दूसरी लहर में भी हमने ऑक्सीजन सिलिंडरों की कमी नहीं होने दी थी। अब तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमारी कोशिश जिले के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों को मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाने की है। इस दिशा में जिला अस्पताल ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। गाडरवारा और गोटेगांव में भी उम्मीद है कि एकाध माह में प्लांट चालू हो जाएगा। हमारे पास कंसंट्रेटर भी पर्याप्त संख्या में हैं। जैसे-जैसे जरूरत पड़ेगी हम इनकी भी संख्या बढ़ाएंगे। अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगने से सिलिंडरों की ट्रांसपोर्टिंग में लगने वाला समय बचेगा।
बताया जा रहा है कि तीसरी लहर की आशंका के बीच ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि ऑक्सीजन की उपलब्धता हर हाल में हर समय सुनिश्चित हो। इसके लिए ऑक्सीजन के हर विकल्प का इंतजाम किया जा रहा है। अब जिला अस्पताल में भारतीय रक्षा अनुसंधान केंद्र (डीआरडीओ) ने एक हजार लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिया है। इससे जिला अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत में 90 फीसद तक गिरावट आएगी। ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर को अन्य छोटे अस्पतालों को भेजा जा सकेगा। वैसे स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल में भी कुछ सिलेंडर आरक्षित रखेगा ताकि मरीजों की संख्या बढने पर उन्हें सिलेंडर से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सके।
इसके अलावा रेडक्रास सोसायटी में भी 50 आक्सीजनयुक्त बिस्तरों की स्थापना की जा रही है। यहां सिलिंडरों के अलावा कंसंट्रेटरों के माध्यम से रोगियों को प्राणवायु देने का प्रबंध किया गया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों और सरकारी संस्थाओं के माध्यम से अब तक करीब 175 आक्सीजन कंसंट्रेटर जिला अस्पताल को उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर चिंहित स्वास्थ्य केंद्रों तक इन्हें भिजवाने के लिए और भी कंसंट्रेटर मंगाए जा रहे हैं। इसी तरह गाडरवारा व गोटेगांव में भी क्रमशः 500 लीटर व 300 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उम्मीद है कि एकाध माह में ये भी काम करना शुरू कर देंगे। यहां भी सिलिंडर, कंसंट्रेटरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। तेंदूखेड़ा और रोंसरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी आक्सीजन कंसंट्रेटरों की व्यवस्था की गई है।