बारिश में नासूर बन गया 87 करोड़ की सीवरेज परियोजना का मनमाना काम
सीवर लाइन के पाइप डालने के बाद समतल किए बिना छोड़ दी सड़क कीचड़ में फिसल रहे लोग
नरसिंहपुर.नर्मदा नदी को शहर के गंदे पानी के जहर से बचाने के लिए शुरू किया गया 87 करोड़ से अधिक की सीवरेज परियोजना का काम यहां बारिश में नासूर बन गया है। वार्डों में जहां तहां मनमाने तरीके से किया गया लाइन बिछाने का काम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। शहर में कई वार्डों में सीवर लाइन डालने के लिए खुदाई कर पाइप डालने के बाद उस जगह को समतल न कर ऐसे ही छोड़ दिया गया है जिससे अब बारिश में न केवल गड्ढे और कीचड़ हो गया है बल्कि लोगों का इस पर चलना मुश्किल हो गया है। रात के अंधेरे में लोग कीचड़ में फिसल कर चोटिल हो रहे हैं। पैदल और दो पहिया वाहन से तक निकलना मुश्किल हो रहा है। धनारे कालोनी, यादव कालोनी, गोकुल नगर, वर्धमान सिटी में एक माह से सड़क खुदी पड़ी है, सीवर के लिए पाइप डालने के बाद सड़क को ठीक नहीं किया जा रहा है। जिससे यहां के लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। कई बार नगर पालिका में भी शिकायत की गई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सीवर लाइन का काम भुवन इन्फ्राकॉम द्वारा किया जा रहा है।
घटिया पाइप लाइन डालने की शिकायत
धनारे कालोनी सहित यादव कालोनी, गोकुल नगर, वर्धमान सिटी के लोगों का कहना है कि सीवर लाइन के लिए जो पाइप डाला जा रहा है वह अत्यंत घटिया स्तर का है कई जगहों पर पाइप डालते ही उनमें दरारें नजर आ रही हैं पर न तो कंपनी के लोग इस पर ध्यान दे रहे हैं और न ही नगर पालिका के इंजीनियर इसका निरीक्षण कर रहे हैं। जिसकी वजह से भविष्य में यह सीवर पाइप क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
यह है परियोजना
सीवर परियोजना के लिए किए जा रहे काम के तहत शहर में सीवर चैम्बर बनाए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत कुल 114 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जानी है और 9 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने हैं। गौरतलब है कि नगर के करीब १४००० घरों से निकलने वाला गंदा पानी और जलमल नगर में बहने वाले कई नालों से होकर सींगरी और शेर नदी में मिलता है। यह दोनों नदियां लगभग 15 किलोमीटर बहने के बाद नर्मदा नदी में शगुन घाट पर मिलती हैं। जो बरमान घाट से लगभग 7.५० किलोमीटर ऊपर स्थित है । जिसकी वजह से नर्मदा नदी प्रदूषित होती है।
जर्मनी के बैंक से वित्त पोषित है परियोजना
यह परियोजना नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है जो जर्मनी की केएफडब्ल्यू से वित्त पोषित है। परियोजना के तहत नगर के लगभग 14००० आवासों को सीवर लाइन से जोड़ा जा रहा है । सीवरेज योजना पूरी होने के बाद नगर में पैदा होने वाले जलमल को एकत्र कर उपचारित किया जाएगा। उपचारित जल की गुणवत्ता शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार रखी जाएगी। शहर से निकले गंदे पानी को उपचारित करने के बाद नर्मदा नदी में मिलाया जाएगा। इससे शगुन घाट और बरमान घाट में गंदा पानी सीधे नदी में नहीं मिल पाएगा। योजना के अंतर्गत चैम्बर आदि बनाने से क्षतिग्रस्त हो रहीं सड़कों का फिर से निर्माण किया जाएगा। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित २० प्रतिशत जल का उपयोग उद्यानिकी वृक्षारोपण और अन्य व्यावसायिक उपयोग के लिए किया जाएगा।
फैक्ट फाइल
सीवरेज पम्पिंग स्टेशन की संख्या-४
सीवर नेटवर्क की कुल लंबाई-११८.०९ किमी
सीवर मेनहोल की संख्या-३९३६
इंटरसेप्टर टैंक की संख्या-८६२
सीवरलाइन क्लीनिंग मशीन-१
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योजना की कुल लागत-१२२.३६ करोड़
निर्माण लागत-८७.७३ करोड़
१० साल के संचालन की लागत-३०.३७ करोड़
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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कुल क्षमता-९ एमएलडी
विद्यमान जल शोधन यंत्र (जोन-१)७.७५ एमएलडी
शांतिनगर के समीप (जोन-२)१.२३ एमएलडी
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नगर का क्षेत्रफल-१४.७१ वर्ग किमी
नगर की जनसंख्या-(वर्ष २०२१) ५९९६६
नगर की जनसंख्या (वर्ष २०१९) ६५१०० अनुमानित
रूपांकित जनसंख्या वर्ष (२०४९) ८५७०० अनुमानित
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वर्जन
सीवर लाइन के मनमाने काम को लेकर लोगों की शिकायतें मिली हैं कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और उनके इंजीनियरों को तलब किया गया है। जहां भी गड़बड़ी है उसे दुरुस्त कराया जाएगा
केवी सिंह, सीएमओ नपा नरसिंहपुर.
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वर्जन
बारिश के कारण कुछ जगहों पर कीचड़ आदि की स्मस्या निर्मित हो रही है, हम उसे लगातार ठीक कर रहे हैं, सीवर के लिए डाले जा रहे पाइप की गुणवत्ता मानक स्तर की है।
समरेंद्र, प्रोजेक्ट मैनेजर,भुवन इन्फ्राकॉम
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