पड़ताल में ये जरूर पता चला है कि कार बुकिंग के लिए लुटेरों ने जो पता दर्ज कराया था वो फर्जी निकला। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश में है कि लुटेरों ने कार लूट के लिए बरघटिया इलाके को ही क्यों चुना? पुलिस कार चालक व वाहन मालिक से भी लगातार पूछताछ कर रही है।
वैसे बता दें कि नेशनल हाइवे-45 स्थित बरघटिया अरसे से आपराधिक घटनाओं के कारण सुर्खियों में रहा है। कार लूट से पहले इसी इलाके में ट्रक चालकों से कई बार लूट हो चुकी हैं। इसके चलते यह घाटी हमेशा से ही वाहन चालकों और आमजनों के लिए डर व चिंता का विषय बनी है। हालांकि काफी दिनों से इस इलाके में लूट की घटनाएं कुछ हद तक थमी थीं। लेकिन एक बार फिर वहीं लुटेरों ने देवास निवासी कार चालक को बंधक बनाकर कार, नकदी व मोबाइल लूट लिए।
इस लूटकांड के जल्द से जल्द खुलासे में जुटी पुलिस की तीन टीमें लुटेरों की तलाश में पड़ोसी कई जिलों का दौरा कर चुकी हैं। इस बीच कार मालिक मुकेश चौधरी और बंधक बनाए गए चालक बबलू मंडलोई से पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके आधार पर की गई जांच में पता चला कि लुटेरो ने फर्जी पता बताकर कार की बुकिंग जबलपुर जाने के लिए की थी। बरघटिया से कार लूटने के बाद लुटेरे आगे कहां गए इसका पता लगाने के लिए पुलिस जगह-जगह के सीसीटीवी फुटैज खंगाल रही है। साथ ही देवास से लेकर नेशनल हाइवे तक कार कहां-कहां रूकी और सवार लुटेरों ने वाहन से उतरकर कहां क्या किया, उनकी बातचीत में क्या कुछ खास जानकारी चालक को लगी इसकी भी पड़ताल की जा रही है।
जांच टीम के लिए यह सवाल पेंचीदा बन गया है कि आखिर बरघटिया पर ही क्यों घटना को अंजाम दिया गया जबकि देवास से घटनास्थल के बीच तक कई सुनसान जगह मिली होंगी। साथ ही घटना के बाद लुटेरे आखिर इतनी जल्दी कहां गायब हो गए? कार जबलपुर के नाम से ही बुक क्यों की गई? इन सवालों को लेकर पुलिस पूरी तत्परता से जांच में जुटी है। जांच के लिए छह-छह पुलिसकर्मियों की तीन टीमें गठित की गई हैं।