जंगली शूकर बन्दरों पर नहीं लग रही रोक
नरसिंहपुर•Feb 15, 2019 / 12:03 pm•
ajay khare
janwar
गाडरवारा। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अपनी मेहनत की फसल की रखवाली करके उपज बचाने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है। बीते कुछ सालों से किसानों को कभी प्रकृति की मार तो कभी मंडी में उपज के कम दामों की मार झेलनी पड़ रही है। ऐसे में किसान की मेहनत की फसलों पर यदि मवेशियों का साया मंडराने पर किसान की दशा का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। जहां नगर से एवं सड़कों से सटे खेतों में लोगों के आवारा मवेशी जमकर धमाचौकड़ी मचाते हुए फसलों को क्षति पहुंचाते हैं। वहीं जंगली जीवों से भी किसान की फसल सुरक्षित नहीं है। इसी क्रम में इन दिनों गन्ने की कटाई एवं गुड़ निर्माण जारी है। साथ ही खेतों में फसलों की सिंचाई, दवा छिड़काव आदि कृषि कार्य चल रहे हैं। इन्ही दिनों गन्ने के खेतों एवं झाडिय़ों में छिपे जंगली शूकर किसानों पर अचानक हमला कर घायल कर देते हैं। जंगली शूकरों की समस्या से तहसील के पलोहाबड़ा, सालीचौका, बारहाबड़ा, सांईखेड़ा, पनागर आदि गांवों के आसपास के किसान परेशान रहते हैं। इन जंगली जीवों के साथ भौंरझिर, खुलरी आदि गांवों के खेतों में बंदरों की समस्या से भी दो चार होना पड़ता है। ग्राम भौंरझिर में के लोग भी बंदरों से परेशान रहते हैं। चीचली गोटीटोरिया क्षेत्र में जंगली शूकर, हिरण, बंदरों के साथ भालुओं की समस्या भी अक्सर सामने आती है। किसानों का कहना है कि जंगली जीवों को मारने पर सजा का प्रावधान है। इससे किसान इन्हे मारने का विचार भी नहीं करते। दूसरी ओर वन विभाग अनेक शिकायतों के बावजूद किसान की सुनवाई नहीं करता। किसान अपनी जान हथेली पर रखकर खेतों में किसी प्रकार गन्ने एवं अन्य फसलों की कटाई तैयारी करते हैं। उसमें भी आए दिन कहीं न कहीं से जंगली जीवों के हमले की खबरें प्रकाश में आती रहती हैं।