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नरसिंहपुर

कैमरे खराब, मनमर्जी कर रहे डॉक्टर

कारगर साबित नहीं हो रही अस्पताल प्रबंधन तीसरी आंख, डॉक्टरों की नहीं होती मॉनीटरिंग न अस्पताल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम

नरसिंहपुरJan 19, 2020 / 11:27 pm

narendra shrivastava

CCTV Camera, District Hospital, Doctor, Monitoring, OPD

CCTV Camera, District Hospital, Doctor, Monitoring, OPD

नरसिंहपुर। जिला अस्पताल परिसर में दो भवन होने के कारण सीसीटीवी कैमरों से मॉनीटरिंग की व्यवस्था लडख़ड़ा गई है। पुराने अस्पताल भवन में लगे अधिकांश कैमरे खराब पड़े हुए हैं तो नये अस्पताल में अबतक कैमरे लगाने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन तीसरी आंख कारगर साबित नहीं हो रही है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब ५०० से ८०० सौ मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए आते हैं। डॉक्टरों के ओपीडी में बैठने से परहेज करने व समय से ओपीडी में बैठने से मरीजों को उपचार कराने में परेशानी आती थी जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी में सीसीटीवी कैमरे लगाए थे लेकिन नया भवन बनने के बाद ओपीडी को उसमें शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में पुराने अस्पताल की ओपीडी में लगे कैमरे बेकाम हो गए हैं। इसके अलावा अस्पताल के वार्डों में लगे कैमरे लंबे समय से खराब पड़े हुए हैं।

कई कैमरे गायब हो गए
पुराने अस्पताल भवन में लगे कई कैमरे अब अपने स्थान से नदारद हैं। बताया जा रहा है कुछ कैमरे चोरी कर लिए गए हैं तो कैमरे खराब हो जाने के कारण ही अलग कर दिए गए हैं।

नये भवन में यह होगी व्यवस्था
अस्पताल के नये भवन में सीसीटीवी कैमरों से तगड़ी मॉनीटरिंग की जाएगी। यहां ओपीडी, वार्ड, गैलरी, सामने व पीछे की तरफ कुल ४० कैमरे लगाए जाने हैं। जिसका मॉनीटर सिविल सर्जन ऑफिस में होगा, जिससे सीएस डॉक्टरों की निगरानी कर सकें। इसके अलावा यह मोबाइल से भी कनेक्ट होगा।

सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
जिला अस्पताल परिसर में दो भवन होने के कारण सुरक्षाकर्मियों की कमी होने की वजह से अब अस्पताल कर्मचारी व मरीजों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। रातभर असामाजिक तत्व अस्पताल परिसर में हंगामा मचाते हैं। कई बार इनकी मनमानी का खामियाजा नर्सेस को भी भुगताना पड़ता है। कुछ नर्सेस के साथ तत्वों द्वारा बत्तामीजी किये जाने की शिकायत भी सीएस ऑफिस तक पहुंची है।

इसलिए लगवाए गए थे सीसीटीवी कैमरे
जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे इसलिए लगवाए गए थे, जिससे अस्पताल में होने वाली हर घटना पर नजर रखी जा सके। जिला अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों में से कुछ डॉक्टर ओपीडी में बैठते ही नहीं हैं। आखिर में इन डॉक्टरों के क्लीनिक या नर्सिंगहोम में जाकर दिखाना पड़ता है।
कुछ डॉक्टर ओपीडी में देर से आते हैं और समय से पहले ही चले जाते हैं। आते भी हैं तो ओपीडी में गलियारे व पोर्च में ही खड़े होकर एक दो मरीज देखकर चले जाते हैं। ऐसे में इन डॉक्टरों पर भी नजर रखी जाने के लिए कैमरे लगवाए गए थे।

अभी यह करते हैं डॉक्टर
अभी कई डॉक्टर मनमाने समय पर अस्पताल आते हैं। अक्सर वे ओपीडी में बैठते तक नहीं हैं।
यदि ओपीडी में पहुंच भी जाते हैं तो कुछ देर बैठने के बाद वे घर रवाना हो जाते हैं।
शाम की ओपीडी में तो डॉक्टर बैठते ही नहीं हैं। एक-दो डॉक्टर ही ओपीडी में आते हैं। इस वजह से शाम की ओपीडी में मरीज उपचार नहीं करा पाते।

नये अस्पताल भवन में ४० नये सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। एक सप्ताह के अंदर इसके लिए कार्य शुरू हो जाएगा। अस्पताल व उपचार की मॉनीटरिंग कैमरों के माध्यम से भी की जाएगी। पुराने भवन में खराब हुए कैमरों को ठीक करवाया जाएगा।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

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