ये आईएएस और कोई नहीं बल्कि जिले के कलेक्टर रोहित सिंह रहे, जो अचानक ही पहुंच गए स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय। कॉलेज पहुंच कर उन्होंने विद्यार्थियों संग बातचीत की। उनकी दिक्कतों को जाना। फिर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर भी बताए। खास तौर पर उन्होंने यूपीएससी और एमपीपीएससी की परीक्षओं में सफल होने के गुर बताए। इस दौरान उन्होंने बताया कि इन परीक्षाओं के लिए मनोविज्ञान भी बेहतर विषय हो सकता है।
साथ ही उन्होंने कॉलेज के प्राध्यापकों को सुझाव दिया कि विषयों का चयन करने से पूर्व विद्यार्थियों को यह अच्छी तरह से मालूम होना चाहिए कि वो कौन सा विषय चुने ताकि उनके पास कैरियर चयन के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प हों। उन्होंने विभागाध्यक्ष से कहा कि विद्यार्थियों की लगातार काउंसलिंग होती रहनी चाहिए। साथ में समय-समय पर कार्यशाला भी आयोजित की जानी चाहिए।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने खेल गतिविधियों की भी चर्चा की। कॉलेज के स्पोर्ट्स अफसर को निर्देश दिया कि विभिन्न खेलों के लिए खिलाड़ियों को योग्य प्रशिक्षक उपलब्ध कराएं। इस मौके पर वो जिला पंचायत के सीईओ डॉ सौरभ संजय सोनवणे के साथ टेबल टेनिस भी खेले।
कलेक्टर ने कॉलेज के शैक्षणिक वातावरण को और सुदृढ करने की सलाह देते हुए समय की कीमत भी समझाई। कहा कि कक्षाएं नियमित रूप से चलें। सभी प्राध्यापक व अतिथि प्राध्यापक समय से कॉलेज पहुंचें। विद्यार्थियों के लिए बेहतर पुस्तकालय की उपलब्धता पर भी जोर दिया। साथ ही शुद्ध पेयजल और कॉलेज परिसर में स्वच्छता पर भी ध्यान आकृष्ट कराया। कॉलेज परिसर में गंदगी देखकर उन्होंने नाराजगी जताते हुए समुचित साफ-सफाई के निर्देश दिए। कहा कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और कर्मचारियों के वाहन सलीके से खड़े किए जाने चाहिए। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री परीक्षा नियंत्रण कक्ष का भी निरीक्षण किया।
पुस्तकालय के मुआयने के दौरान उन्होंने रवींद्र नाथ टैगोर भवन की करीब 88 हजार पुस्तकों के डिजीटलीकरण के संबंध में विचार विमर्श किया। उन्होंने रीडिंग रूम की समुचित व्यवस्था, लायब्रेरी कार्ड बनवाने और ब्लैक बोर्ड की चौड़ाई बढ़वा की सलाह दी।