भ्रष्टाचारी उपयंत्री को ४ साल की सजा,10 हजार रुपए का जुर्माना
सुदूर संपर्क सडक़ योजना का मूल्यांकन करने के लिए आरईएस के उपयंत्री ने मांगी थी रिश्वत
नरसिंहपुर। आरईएस के एक उपयंत्री को कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में ४ साल के सश्रम कारावास और १० हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। विशेष न्यायालय एसके पांडेय ने भ्रष्टाचार के प्रकरण में आरोपी दिलीप बांगड़े, उपयंत्री, जनपद पंचायत, सांईंखेड़ा जिला नरसिंहपुर को भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 की धारा 7, 13(1)डी, 13(2) में 4 वर्ष के सश्रम कारावास व 10,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ इन्द्रमणि गुप्ता ने बताया है कि ग्राम पंचायत ढिग़सरा के सरपंच पुरूषोत्तम सिंह गुर्जर पिता लक्ष्मण सिंह गुर्जर ने आरोपी दिलीप बागडे तत्कालीन उपयंत्री जनपद पंचायत साईंखेड़ा के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर से ११ जनवरी २०१६ को शिकायत की थी कि सुदूर संपर्क सडक़ योजना मूल्यांकन कराने के लिए आरईएस के उपयंत्री डीके बागड़े 10,000 रूपये की मांग कर रहे हैं। उक्त आवेदन पत्र पर लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर से शिकायतकर्ता को एक डीबीआर दिया गया, जिसमें आरोपी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की वार्ता रिकार्ड होने के उपरांत लोकायुक्त पुलिस के ट्रेप दल द्वारा 12 जनवरी 2016 को 5000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय ग्रामीण यांत्रिकी गाडरवारा में पकड़ा गया।
आरोपी के विरूद्ध पीसी एक्ट 1988 भादवि की धारा 7, 13(1)डी, 13(2) पंजीबद्ध किया गया एवं अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोजन के द्वारा न्यायालय में साक्षीगण के कथन कराये गये। जिससे प्रकरण को अभियोजन द्वारा साबित किया गया । आरोपी को न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया। प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक,अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी प्रदीप भटेले द्वारा की गई।
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