नरसिंहपुर. मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग ने कोविड 19 को लेकर किए गए एक सर्वे में 16 मई को यह अनुमान व्यक्त किया था कि 17 मई से लेकर जून अंत तक इस जिले में 2568 लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। इसी अनुपात में जिला प्रशासन को मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके लिए ८२ बेड का डेडिकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर और ६०० कोविड केयर सेंटर तैयार करने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन ने मई के अंत तक यह सारी व्यवस्थाएं कर ली थीं। इसे प्रशासन और यहां के लोगों की कोरोना से बचाव के लिए बरती गई सतर्कता और सुरक्षा का ही परिणाम कहा जाएगा कि आम जन और प्रशासन के परस्पर सहयोग ने यहां कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी हद तक सफलता हासिल की और स्वास्थ्य विभाग की अनुमानित संख्या २६५८ के विपरीत अभी तक महज १७९ लोग ही कोरोना से संक्रमित हुए हैं।
———–
इन कारणों से ज्यादा नहीं फैल सका कोरोना संक्रमण
१- देश में सबसे पहले २१ मार्च को टोटल लॉक डाउन
२-जिले की सीमाओं पर बनाए चैक पोस्ट पर सख्ती
३- संक्रमित स्थानों से आए लोगों के सीधे प्रवेश पर रोक
४-कोरोना संदिग्ध को चैक पोस्ट से लौटा देना
५-बाहर से आए लोगों को जांच रिपोर्ट आने तक संस्थागत क्वारंटीन करना
६- प्रवासी श्रमिकों के आने पर होम क्वारंटीन कर पुलिस की सख्त निगरानी
७- कोरोना संक्रमित मरीज के उपचार के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं
८- समाजसेवी संस्थाओं और जागरूक नागरिकों द्वारा प्रशासन से सहयोग
९- ग्राम निगरानी समितियों द्वारा बाहरी लोगों की निगरानी करना और गांव में प्रवेश से रोकना
१०- लॉक डाउन के दौरान बाजार बंद रख कर आवश्यक वस्तुओं की होम डिलेवरी करना
११-अनलॉक वन और टू में मास्क और सोशल डिस्टेंस को लेकर सख्ती बरतना
इनका कहना है
जिले के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव चांदोरकर का कहना है कि अभी तक यहां ज्यादा मरीज सामने न आने के जो प्रमुख कारण हैं उनमें से सबसे बड़ा कारण यहां शुरुआत में किया गया प्रभावी लॉक डाउन रहा है। अनलॉक में इस जिले से दूसरे जिले में आने जाने के कारण लोग संक्रमित हुए। जिससे कोरोना संक्रमण के इतने मामले सामने आए हैं। आवागमन के कारण लोग एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं जिससे लोग संक्रमित हो रहे हैं।
Home / Narsinghpur / सजगता ने रोका कोरोना जून अंत तक 2568 कोरोना संक्रमित मिलने का अनुमान साबित हुआ गलत