तेंदूखेड़ा के ग्राम ढिलवार में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के अंतर्गत प्राचीन तालाब की खुदाई कर उसे संरक्षित करने एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। करीब ८ माह पहले मिली स्वीकृति के बाद अब काम शुरू हुआ। 16 एकड़ के तालाब में कम से कम 10 फीट गहराई तक खुदाई कर इसका गहरीकरण कर चारों तरफ से मिट्टी डालकर पार बांधी जानी है। लेकिन संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा इस तालाब के निर्माण में व्यापक स्तर पर अनियमिततायें बरती जा रही हैं। तालाब का गहरीकरण नहीं किया गया बल्कि सडक़ मार्ग निर्माण के दौरान निकली खुदाई वाली मिट्टी चारों तरफ डाल कर सीधे पार बांधी जा रही है। यह तालाब काफी पुराना है जिसमें पहले वर्ष भर पानी रहता था। लेकिन उपेक्षा के चलते इस तालाब का अस्तित्व खतरे में आ गया था। तालाब को संरक्षित किए जाने के संबंध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने पहल की तो इसे मुख्यमंत्री सरोवर योजना में शामिल किया गया था। निर्माण एजेंसी की मनमानी की वजह से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग क प्रमुख सचिव द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों की उपेक्षा कर इसका मनमाने तरीके से निर्माण कर एक करोड़ के बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है। यदि उक्त तालाब का व्यवस्थित तरीके से निर्माण किया जाएगा तो ही आदिवासी बाहुल्य ग्राम ढिलवार में पानी की समस्या हल हो सकेगी। यहां की हालत यह है कि गांव के हैंडपंपों में पानी नहीं आ रहा है। गर्मी के दिनों में यहां भूजल स्तर इतना नीचे चला जाता कि यहां के लोग एक-एक बाल्टी पानी के लिए परेशान होते हैं। तालाब का सही तरीके से निर्माण होने से यहां का भूजल स्तर बढ़ेगा और पानी की समस्या हल हो सकेगी।
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प्रमुख अभियंता के निर्देशों का नहीं पालन
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के प्रमुख अभियंता ने तालाब स्मॉल अर्दन डेम को लेकर ५ अप्रेल २०१८, १५ नवंबर २०१८ को जो निर्देश जारी किए हैं उनका निर्माण कार्य में पालन नहीं किया जा रहा है। डेम निर्माण में मिट्टी के पांच प्रयोगशाला परीक्षण तय किए गए हैं जिसमें परमीबिलिटी, प्लास्टिसिटी, क्ले कंटेंट, लिक्विड, डिग्री ऑफ कंपैशन आदि तय किए गए हैं। निर्धारित मानक के अनुसार डैम की ऊंचाई 15 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए डैम में अर्थ वर्क 0.75 मिलियन घन मीटर से कम हो स्टोरेज क्षमता एक मिलियन घन मीटर से कम हो अधिकतम फ्लड डिस्चार्ज 2000 क्यूबेक से कम हो, डेम के अपस्ट्रीम में 22 सेंटीमीटर मोटाई के ड्राई स्टोन पिक अप बॉर्डर से पिचिंग कराई जाएगी आदि सहित कई निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे मौके पर जाकर निरीक्षण कराएं और तय मानकों के अनुसार कार्य कराएं पर सूत्रों की मानें तो विभाग के कतिपय अधिकारियों ने ठेकेदार से अपने रिेश्तेदारों के नाम पर पेटी ठेका ले रखे हैं जिसकी वजह से गुणवत्ता को ताक पर रख कर घटिया निर्माण किया जा रहा है और विभाग से उनका भुगतान भी बिना रोकटोक हो रहा है।
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वर्जन
फोन पर इस बारे में कोई भी बात नहीं होगी जो भी बात करनी है चुनाव के बाद ७ मई को मेरे कार्यालय में आकर बात करना तभी कुछ बता सकूंगा।
एमएल सूत्रकार, कार्यपालन यंत्री, आरईएस
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वर्जन
मुख्यमंत्री सरोवर योजना के तहत बनाए जा रहे तालाब स्माल अर्दन डेम में गड़बड़ी की जांच की जाएगी। मैं खुद मौके पर जाकर निरीक्षण करूंगा। विभाग के अधिकारियों द्वारा पेटी ठेका लिए जाने की भी जांच कराई जाएगी। निर्माण कार्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर
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