नरसिंहपुर की सुगर मिल की बिजली से रोशन हुआ दिल्ली एयरपोर्ट
पत्रिका एक्सक्लूसिव-नए प्रयोग और नए जमाने की तकनीक का इस्तेमाल कर यहां की नर्मदा सुगर मिल के संचालक विनीत माहेश्वरी ने अपनी सुगर मिल मेें करीब 125 करोड़ की लागत से नई तकनीक के हाई प्रेशर बॉयलर और टरबाइन लगाकर अपनी मिल मेंं बिजली का उत्पादन शुरू किया है। मिल में लगाया गया संयंत्र अत्याधुनिक तकनीक का है जिससे यहां बनाई जाने वाली बिजली पॉवर ग्रिड को बेची जा रही है।
अजय खरे. नरसिंहपुर. सुगर मिल को चलाने में ईंधन अत्यंत आवश्यक तत्व है। ज्यादातर सुगर मिलें गन्ने के बगास यानी छिलके का उपयोग ईंधन के रूप मेें करती हैं जिससे धुएं के उत्सर्जन के रूप में काफी प्रदूषण फैलता है और फिर इस प्रदूषण को कम करने के लिए सुगर मिल को अलग से इंतजाम करना होता है जिसमें लाखों रुपए का खर्च आता है। यहां के नर्मदा सुगर मिल संचालक ने गन्ने के बगास से न केवल बिजली बनाने बनाने बल्कि उसे दूसरी जगह सप्लाई करने की यूनिट लगाई जिससे मिल को खुद की बिजली मिली और दूसरी ओर उसे बेचकर मिल ने करोड़ों रुपए का राजस्व भी अर्जित किया। मध्यप्रदेश में सुगर मिल में बिजली उत्पादन और पॉवर ग्रिड को सप्लाई की यह इकलौती यूनिट है।
नए प्रयोग और नए जमाने की तकनीक का इस्तेमाल कर यहां की नर्मदा सुगर मिल के संचालक विनीत माहेश्वरी ने अपनी सुगर मिल मेें करीब १२५ करोड़ की लागत से नई तकनीक के हाई प्रेशर बॉयलर और टरबाइन लगाकर अपनी मिल मेंं बिजली का उत्पादन शुरू किया है। मिल में लगाया गया संयंत्र अत्याधुनिक तकनीक का है जिससे यहां बनाई जाने वाली बिजली पॉवर ग्रिड को बेची जा रही है। मिल में २८ मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है जिसमें से ७ मेगावाट बिजली का उपयोग मिल में किया जाता है और २१ मेगावाट बिजली पॉवर ग्रिड को बेची जा रही है। इससे जहां ४ माह तक चलने वाले सुगर सीजन में प्रदूषण काफी कम हो जाता है वहीं किसानों को भी इसका फायदा मिल रहा है। नर्मदा सुगर मिल बिजली बेचने से हो रहे मुनाफे में से ५ रुपए प्रति क्विंटल बिजली बोनस गन्ना किसानों को दे रही है। इस मिल के बिजली संयंत्र की क्षमता ४ लाख यूनिट प्रतिदिन की है। पूरे सुगर सीजन में १०० दिन में करीब ५ करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है। पिछले साल मिल ने बिजली उत्पादन और दिल्ली एयरपोर्ट को बिजली बेचकर 20 करोड़ रुपए कमाए थे।
वर्जन
एमपी में केवल हमारी नर्मदा सुगर मिल में बिजली उत्पादन और पॉवर ग्रिड को सप्लाई की यूनिट लगाई गई है। पिछले साल हमने दिल्ली एयरपोर्ट को बिजली बेची थी। बिजली बना कर हमने २० करोड़ रुपए कमाए थे। हम अपने गन्ना किसानों को 5 रुपए प्रति क्विंटल बिजली बोनस भी दे रहे हैं।
विनीत माहेश्वरी संचालक नर्मदा सुगर मिल
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