उल्लेखनीय है कि नगरपालिका द्वारा प्याऊ लगाकर व्यवस्था करने का दावा तो किया है, लेकिन यहां बस स्टेंड पर प्याऊ में रखे मटके ही बिना पानी के प्यासे हैं। बिडम्बना यह भी है कि बस स्टेंड प्रतीक्षालय जाने के लिए विकलांगों की सुविधा के लिए रेंप तो बना है, लेकिन इसमें चढऩे के स्थान पर कीचड़ और गंदगी का साम्राज्य मुंह चिढ़ा रहा है।
जिला मुख्यालय के बस स्टेंड पर सुबह 5 बजे से लेकर देर रात्रि तक 1 सैकड़ा से अधिक बसों का आवागमन होता है। इन बसों के माध्यम से विभिन्न रूटों के लिए हजारों की संख्या में यात्री पहुंचते है। वर्तमान वैवाहिक सीजन होने की वजह से यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। इन सब स्थितियों के बीच नगरपालिका अस्थायी दखल वसूलने के अलावा यहां सुविधाएं मुहैया कराने में फिसड्डी साबित हो रही है।
स्टेशन पर बने बस स्टेंड का संचालन लगभग 6 साल से हो रहा है, इसके बावजूद यहां व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है। बस चालक भी मनमर्जी से वाहन खड़े करते हैं। जिससे बस स्टेंड औचित्यहीन साबित हो रहा है। बस स्टेंड परिसर की बजाय स्टेशन थाने के पास से ही बसों में सवारियां बैठाई जाती है। कई बार तो बसें स्टेंड परिसर के भीतर भी नहीं जाती। इस स्थिति के चलते प्रतीक्षालय में बैठे यात्रियों को दौड़ भाग कर बसों तक पहुंचना पड़ता है।
इनका कहना है
नगरपालिका द्वारा बस स्टेंड सहित अन्य स्थानों पर प्याऊ लगाकर पानी की व्यवस्था की है। बस स्टेंड पर यदि कोई गड़बड़ी तो तत्काल ही उसका निराकरण कराया जाएगा, हालांकि इस तरह की शिकायत अभी तक नहीं मिली है, फिर भी प्राथमिकता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
अर्चना दुबे अध्यक्ष नपा नरसिंहपुर