गाडरवारा में बनाया जिले का पहला पोस्ट कोविड केयर सेंटर, ब्लैक फंगस से होगा बचाव
कोरोना की दूसरी लहर में बीमार हुए मरीजों पर अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी नजर रखी जाएगी। उनके लिए गाडरवारा में जिले का पहला पोस्ट कोविड केयर सेंटर बनाया गया है
अजय खरे.नरसिंहपुर. कोरोना की दूसरी लहर में बीमार हुए मरीजों पर अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी नजर रखी जाएगी। उनके लिए गाडरवारा में जिले का पहला पोस्ट कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। जिसमें मरीजों और उनके परिजनों के रहने की व्यवस्था की गई है। ३० मरीजों की क्षमता वाले इस पोस्ट कोविड केयर सेंटर को जन सहयोग से संचालित किया जाएगा। यह सेंटर बीटीआई स्कूल के पीछे स्थित छात्रावास में बनाया गया है। यद्यपि यह मरीजों को पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट देने के लिए बनाया गया है पर इस समय चल रहे ब्लैक फंगस से बचाने में भी मददगार साबित होगा।
अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए ऐसे कोरोना मरीज जो कोरोना से तो मुक्त हो गए हैं पर उनका ऑक्सीजन लेवल बहुत अच्छा नहीं हो पाया है और उन्हें अभी भी कुछ दवाओंं व उनकी इम्युनिटी बढ़ाने की जरूरत है उन्हें पोस्ट कोविड केयर सेंटर में रखकर उनके स्वास्थ्य में सुधार किया जाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रहने के बाद मरीजों में नासोकॉंंंमियल इन्फेक्शन की आंशका रहती है। इनमें से एक ब्लैक फंगस भी है।
यहां जिन मरीजों को भर्ती किया जाएगा उनकी देखभाल के लिए उनके एक परिजन के रहने की भी व्यवस्था की गई है जो मास्क लगाकर व कोविड प्रोटोकाल का पालन कर अपने मरीज की देखभाल कर सकेंगे। मरीज व परिजन अलग अलग रहेंगे। डॉक्टर इन मरीजों की नियमित जांच करते रहेंगे और जब मरीज का ऑक्सीजन लेवल अच्छा हो जाएगा और वह स्थिति में आ जाएगा कि अपने घर पर रहकर शेष स्वास्थ्य लाभ कर सके तो उसे यहां से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इस दौरान यदि किसी मरीज के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की समस्या आती है तो उसे फिर से अस्पताल में भर्ती कर उचित उपचार किया जाएगा।
ब्लैक फंगस से बचाएगा
इन दिनों कोरोना मरीजों पर ब्लैक फंगस का भी खतरा मंडरा रहा है। जिले में ब्लैक फंगस के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि दो मरीजों की मौत हो गई है और दो मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। कई मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंचने के बाद उनमें ब्लैक फंगस का प्रकोप देखा गया है। इसे पोस्ट कोविड हार्मफुल इफेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए अस्पताल से डिस्चार्ज मरीज को जब पोस्ट कोविड केयर सेंटर में रखा जाएगा तो डॉक्टर उस पर लगातार नजर रख सकेंगे और यदि ऐसी कोई समस्या होगी तो उसे तत्काल चिकित्सकीय मदद मिल सकेगी।
गाडरवारा में मिले थे सबसे ज्यादा कोरोना मरीज
जानकारी के अनुसार जब जिले में कोरोना की दूसरी लहर आई तो सबसे ज्यादा मामले गाडरवारा क्षेत्र में सामने आए थे। जिला अस्पताल के बाद सबसे ज्यादा मरीज यहां के शासकीय अस्पताल में भर्ती किए गए। जिला अस्पताल के बाद यहां का अस्पताल सबसे बड़ा माना जाता है। यहां गाडरवारा के अलावा साईंखेड़ा, चीचली,सालीचौका के अलावा पड़ोसी जिले के भी मरीज अपना उपचार कराने आते हैं।
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जिले में कोरोना के एक्टिव केस
विकासखंड का नाम- एक्टिव केस की संख्या
नरसिंहपुर-४३०
गोटेगांव-२६१
करेली-२१४
चांवरपाठा-३५६
साईंखेड़ा,गाडरवारा-१६९
चीचली, सालीचौका-१७५
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वर्जन
पब्लिक पार्टिशिपेंट से गाडरवारा में पोस्ट कोविड केयर सेंटर खोला गया है। फिलहाल इसमें तीन मरीज भर्ती हैं। इसमें ऐसे मरीजों को रखा जाएगा जिनको अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी ज्यादा देखभाल और दवाओं की जरूरत है। उनका ऑक्सीजन लेवल बहुत अच्छा होने और पूरी तरह से स्वस्थ होने पर डॉक्टर की अनुमति के बाद घर भेजा जाएगा।
डॉ.राकेश बोहरे, प्रभारी सिविल अस्पताल गाडरवारा
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