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नरसिंहपुर

Infectious disease : संक्रामक बीमारियों ने ढाया कहर, मरीजों की दोगुनी हुई संख्या

जिला अस्पताल सहित सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बुखार, उल्टी-दस्त और पेट दर्द से पीडि़त मरीजों की संख्या ज्यादा

नरसिंहपुरSep 01, 2019 / 11:24 pm

narendra shrivastava

Infectious disease, patient, district hospital, doctor, OPD

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नरसिंहपुर। मौसम बदलते ही संक्रामक बीमारियों का कहर बढ़ता जा रहा है। बारिश होने से जलस्तर में बदलाव के साथ जलजनित बीमारियों का प्रकोप बढऩे लगा है। पाचन संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ी है। इसका असर जिला अस्पताल समेत जिले के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नजर आ रहा है, जहां मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में बुखार, उल्टी-दस्त और पेट दर्द से पीडि़त मरीजों बढ़े है। डॉक्टरों ने सभी को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए स्वच्छ पेयजल का प्रयोग करने की सलाह दी है। अस्पतालों पर पिछले तीन-चार दिनों से आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है। जिला अस्पताल में इन दिनों औसतन प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या से अधिक ओपीडी में जमा दिखे तो वहीं वार्ड में भी भर्ती संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल के वार्डों में भी बेड पूरी तरह से भरे हुए हैं। सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल ने बताया कि पहले जहां ओपीडी में औसतन 300 से 400 मरीज आते थेए अब प्रतिदिन लगभग ५०० से ८०० तक संख्या पहुंच चुकी है।

मच्छरों को पनपने न दें
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विजय तुरकर ने बताया कि मौसमी बीमारियों के सीजन में सबसे अहम बात यह है कि अपने आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें। बारिश में कई जगह पानी इक_ा हो जाता है जिससे मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है। कूलर आदि चीजों को भी साफ करते रहें ताकि मच्छर न बढ़े। अंदर हो या बाहर मच्छरों का आतंक हर जगह रहता है। इसलिए चाहे आप घर में रहें या बाहर मच्छरों से सावधान रहना ज्यादा जरूरी है। ख़ासकर घर में अगर बच्चें हैं तो सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। इसके साथ ही मॉस्किटो रेपलेंट का इस्तेमाल करने से मच्छरों से बचा जा सकता है।

उबालकर करें पानी का प्रयोग
सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल ने कहा कि बरसात के मौसम में जलस्तर बढऩे से पाचन संबंधी बीमारियां होती है। इस दौरान बचाव के लिए सभी को फिल्टर पानी का प्रयोग करने के साथ ही पानी को उबालने के बाद ठंडा करके पीना चाहिए। जल प्रदूषण ही पेट संबंधी बीमारियों का प्रमुख कारण है, इसे लेकर सतर्कता बरतने की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने तली, भुनी वस्तुओं का प्रयोग करने के बजाय सुपाच्य भोजन लिए जाने की बात कहते हुए बताया कि बीमारियों का इलाज करवाने से बेहतर है कि परहेज करके उससे बचाव किया जाय।

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