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नरसिंहपुर

Ancient tradition : बड़ों ने की बचपन की याद ताजा

बदलते वक्त के साथ त्यौहारों पर पड़ा आधुनिकता का असर

नरसिंहपुरAug 31, 2019 / 10:49 pm

narendra shrivastava

Kath horses, festivals, modernism, ancient festivals, tradition

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गाडरवारा। शनिवार को सुबह नगर में अनेक बच्चों ने लकड़ी एवं पीतल के घोड़े खींचकर पोला पर्व का आनंद लिया। हालांकि आजकल अनेक बच्चे इस पर्व से दूर हो रहे हैं क्योंकि अधिकतर बच्चों के स्कूल भी सुबह से ही रहते हैं। फिर भी कई बच्चे सुबह होते ही काठ के घोड़े पर कपड़े की गोंज में खुरमे बतियां भर कर संगी साथियों के साथ घोड़े खींचते हुए निकल पड़ते हैं।
नगर के कॉलेज ग्राउंड पर अनेक बच्चे लकड़ी एवं पीतल के घोड़े लेकर पहुंचे। ग्राउंड में सुबह भ्रमण करने वाले लोग इससे खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने भी बच्चे के हाथ से घोड़ों की रस्सियां थाम लीं व घोड़े खींच कर बचपन की यादें ताजा कीं। अनेक लोगों ने बताया कि जब वह बच्चे थे, तब त्यौहारों का अलग ही महत्व था। घर में बड़ी मात्रा में खुरमे बतियां बनते थे। बच्चे दूर-दूर तक घोड़े लेकर जाते थे।
रास्ते में भूख लगने पर कपड़े की गोंजो से खुरमे बतियां निकाल कर आपस में मिल-बांट कर खाते थे। आपस में घोड़े टकराने एवं तेज दौड़ाने जैसे खेल भी उस दौर के बच्चे करते थे। बदलते वक्त के साथ त्यौहारों पर भी आधुनिकता का रंग चढऩे लगा। आजकल के बच्चे मोबाइल चलाने, टीवी, वीडियो गेम में अधिक रुचि लेते हैं। शायद इसी से प्राचीन त्यौहार केवल परंपरा के नाम पर मनाए जाने लगे हैं।

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