सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने सोमवार- मंगलवार की दरम्यानी रात साईंखेड़ा क्षेत्र की मुआर रेत खदान पर दबिश दी और आरोप लगाया कि बड़े पैमाने पर स्वीकृत क्षेत्र की बजाय दूसरी जगह से रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा प्रदेश में इसी तरह से खनन जारी है। ऐसी स्थिति में अब केवल एक ही उम्मीद रह गई है कि हाईकोर्ट के जस्टिस के पैर पकड़कर गुहार लगानी होगी क्योंकि खनिज माफिया को प्रशासन रोक नहीं पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस खदान से ६ करोड़ की रेत चोरी का केस बनाय जा चुका है और ठेकेदार स्वीकृत क्षेत्र की बजाय दूसरी जगह से खनन कर रहा है।
सांसद ने दी सीमांकन कराने की हिदायत
क्षेत्रीय सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने मंगलवार दोपहर एक बार फिर रेत खदान पहुंचे और ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए शीघ्र ही इस अवैध उत्खनन को बंद कराने की हिदायत प्रशासन को दी । उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गाडरवारा राजेश शाह को शीघ्र ही इस खदान का सीमांकन कराने एवं जब तक इस खदान का सीमांकन पूरा नहीं हो जाता तब तक इस रेत खदान से अवैध उत्खनन पूरी तरह से बंद रखने की कड़ी हिदायत दी । वही ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई तो कल से ग्रामीणों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा िसांसद राव उदय प्रताप सिंह ने वकीलों के माध्यम से इस अवैध रेत उत्खनन के गोरखधंधे को न्यायालय की शरण में ले जाने की बात कही।
कम्प्यूटर बाबा दे चुके हैं दबिश
इससे पहले मां नर्मदा, मां क्षिप्रा एवं मंदाकिनी नदी न्यास के अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा दो बार जिले की दो प्रमुख खदानों पर दबिश दे चुके हैं। कम्प्यूटर बाबा द्वारा २४ -२५ जनवरी की दरम्यानी रात १२.१५ बजे गाडरवारा क्षेत्र में दो खदानों पर की छापामार कार्रवाई की गई थी। कम्प्यूटर बाबा ने वेदर घाट सेे ३ पोकलेन व १ जेसीबी मशीन पकड़ी थीं, साथ ही पास के मेहरागांव घाट में उत्खनन कर रहीं 2 पोकलेन मशीनों को जब्त कराया था। इससे पहले २ जनवरी के रात उन्होंने मेहरागांव, मुआर, पिठरास, ढिगसरा घाट का निरीक्षण किया। था। इस दौरान एसडीएम गाडरवारा राजेश शाह, एसडीओपी गाडरवारा सीताराम यादव, खनिज निरीक्षक सुमित गुप्ता सहित खनिज विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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३१ मार्च की कहानी
जिले की तीन बड़ी खदानों का १ अप्रेल से नया ठेका शुरू हो रहा है। ये तीन बड़ी खदानें हैं मेहरा, संसारखेड़ा और मुआर। वर्तमान ठेकेदार इन खदानों का अधिक से अधिक दोहन करना चाहते हैं और दूसरी ओर १ अप्रेल से ठेका लेने वाले नए ठेकेदार यह चाहते हैं कि रेत कम से कम उठाई जाए ताकि उन्हें इसका लाभ मिले। इन दोनों स्थितियों के बीच इन खदानों पर आधी रात को दबिश और शासन प्रशासन व ठेकेदारों पर आरोपों का सिलसिला जारी है। चर्चा इस बात की है कि कहीं पुराने ठेकेदारों पर दबाव बनाया जा रहा है तो कहीं नए ठेकेदारों के पक्ष में काम हो रहा है।
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