बता दें कि करीब 15 दिन से मूंग की खरीद का कार्य बाधित था। इससे मूंग किसान खासे परेशान रहे। लेकिन शुक्रवार को मूंग उपज की खरीद-बिक्री संबंधी मैसेज किसानों को जारी होने लगे। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है। अब जिले के सभी 25 केंद्रों पर खरीद का कार्य दो अगस्त से शुरू हो जाएगा। इस बीच मूंग का पंजीयन कराने वाले किसानों की उपज का सत्यापन भी आरंभ हो गया है। इसके तहत उपार्जित उपज में नमी की जांच की जा रही है। सत्यापन के लिए राजस्व और कृषि विभाग के साथ ही अन्य कर्मचारियों को भी लगाया गया है। इतना ही नहीं जिले के विभिन्न क्रय केंद्रों द्वारा खरीदी के बाद जो उपज वेयर हाउसो में भंडारित की गई है उसकी भी जांच चल रही है। इस जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उपज एफएक्यू मानक के अनुसार है या नहीं। उसमें अगर नमी है तो कितने प्रतिशत तक है।
इस बीच शुक्रवार को नायब तहसीलदार रिचा कौरव ने अपनी टीम के सात सालीचौका क्षेत्र के ग्राम अमाड़ा स्थित आनंद वेयर हाउस में मूंग उपार्जन का भौतिक सत्यापन किया। उपज की क्वालिटी को एफएक्यू के मानक से मिलान किया और मशीन के जरिए उपार्जित मूंग में नमी की जांच की। नायब तहसीलदार कौरव ने केंद्र के जरिए किसानों को जारी हुए मैसेज और अब तक जितने किसानों से खरीदी की गई है उनकी जानकारी ली। कर्मचारियों को निर्देश दिए कि शासन ने खरीदी के जो मापदंड तय किए हैं उनका पालन करते हुए खरीदी का कार्य किया जाए। खरीदी के दौरान किसानों को कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाए।