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नरसिंहपुर

नहीं लिया लाइसेंस तो भरना पड़ेगा पांच लाख का जुर्माना

मिलावट की जांच के दायरे में शराब, बिना लाइसेंस चल रहे ५४ ठेके के तहत किसी भी ठेकेदार ने नहीं लिया लाइसेंस

नरसिंहपुरApr 21, 2019 / 10:33 pm

narendra shrivastava

No licenses will be paid if fines of five lakh

No licenses will be paid if fines of five lakh

नरसिंहपुर। फूड सेफ्टी एक्ट के दायरे में 1 अप्रैल से शराब ठेके आ चुके हैं। इसके हिसाब से इस बार शराब ठेकेदारों को आबकारी विभाग की अनुमति के साथ खाद्य एवं औषधि विभाग से फूड लाइसेंस लेना भी अनिवार्य किया गया है, लेकिन अब तक जिले के किसी भी शराब ठेकेदार ने लाइसेंस लेना जरूरी नहीं समझा है। नतीजा एक्ट को ठेंगा दिखाकर शहर में शराब का व्यापार किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह कि एक्ट का पालन करवाने को लेकर जिला प्रशासन व आबकारी विभाग ही गंभीर नहीं है। आबकारी विभाग के अधिकारी एक्ट की जानकारी व शराब दुकानों के इसके दायरे में आने की जानकारी न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इधर, खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद प्रदेशभर में अफसरों को अवगत करवाया जा चुका है। यदि शराब ठेकेदार लाइसेंस नहीं लेते तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत शराब के बनाने से लेकर बेचने वालों तक के लिए स्वास्थ्य विभाग से फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके बिना शराब बेचने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना और छह माह की सजा का प्रावधान किया गया है। यह नियम 1 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो चुका है।
मिलावट की जांच करने लेंगे सैंपल
शराब दुकानों के एक्ट के दायरे में आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी ऑफिसर हर माह शराब ठेके पर पहुंचकर सैंपल लेंगे। इसके बाद सैंपलों को जांच के लिए भोपाल भिजवाया जाएगा। वहां पर इथाइल अल्कोहल की मात्रा में हेराफेरी या दूसरी मिलावट पाई गई तो ठेकेदार पर कार्रवाई शुरू की जाएगी। कार्रवाई में जुर्माना और जेल का भी प्रावधान शामिल है।
जिले में ५४ शराब दुकान
जिले में ५४ शराब की दुकानें हैं। इनमें १८ अंग्रेजी और ३६ देशी शराब ठेकेदार हैं। एक भी ठेकेदार के पास फूड लाइसेंस नहीं है। बार संचालकों को भी लाइसेंस लेने की अनिवार्यता है, लेकिन अब तक बार संचालकों ने भी फूड लाइसेंस नहीं लिए। बिना लाइसेंस की शराब परोस रहे हैं।
शराब बेचने वालों को फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इस संबंध में जिला प्रशासन व आबकारी विभाग को वरिष्ठ अफसरों द्वारा पत्राचार कर अवगत कराया जा चुका है। जिले में किसी भी शराब ठेकेदार व बार संचालक ने लाइसेंस नहीं लिया है। जल्द ही एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सोनू तिवारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
ठेकेदारों को लाइसेंस लेना है इसकी जानकारी नहीं है। मैं फिलहाल छुट्टी पर हूं। अभी बात नहीं कर सकता।
आरके बघेल, जिला आबकारी अधिकारी

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