बता दें कि केंद्र सरकार की योजना के तहत अप्रेल में ही जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति जारी कर दी गई थी। इस प्लांट को लगाने का जिम्मा औरंगाबांद की फर्म एरोक्स प्राइवेट लिमिटेड को मिला है। करीब एक करोड़ 52 लाख 52 हजार की लागत वाले इस प्लांट को मई के पहले हफ्ते में ही शुरू करने की योजना थी लेकिन कंपनी के साथ एग्रीमेंट में हुई देरी के चलते ये काम टल गया। हालांकि अब सभी तरह की कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। जिला अस्पताल में नेत्र विभाग के समीप खाली स्थान पर इस प्लांट को स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए फाउंडेशन निर्माण का काम शुरू भी हो गया है। विद्युत लाइन व पाइपलाइन बिछाने का काम भी जारी है।
जिला अस्पताल में स्थापित होने वाले प्लांट से 400 लीटर आक्सीजन का प्रति मिनट उत्पादन होगा। इसके लिए जरूरी कुछ उपकरण विदेश से अब तक कंपनी को नहीं मिल सके हैं। कंपनी प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग को आश्वस्त किया है कि ये उपकरण 20 मई तक औरंगाबाद पहुंच जाएंगे। इन उपकरणों की उपलब्धता के हफ्ते भर बाद इसे जिला अस्पताल में स्थापित कर दिया जाएगा। उम्मीद जताई गई है कि 31 मई के पूर्व जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा। इस प्लांट के स्थापित होने के बाद जिला अस्पताल आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। प्रतिदिन 350 जंबो सिलिंडर की खरीदारी पर होने वाला व्यय बचने लगेगा।
जिला अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए आक्सीजनयुक्त 145 बिस्तर के अलावा आइसीयू, कोविड सस्पेक्टेड वार्ड और आपरेशन थिएटर में रोजाना करीब 350 जंबो टाइप आक्सीजन सिलिंडर की खपत होती है, जिसकी आपूर्ति गंगई गाडरवारा में लगे रिफलिंग प्लांट से होती है। लेकिन जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट शुरू होने से रिफलिंग प्लांट पर दबाव कम होगा और यहां से जिले के शेष सरकारी व निजी अस्पतालों में मांग के अनुरूप आक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता हो सकेगी।
इतना ही नहीं जिले की प्रमुख तहसील गाडरवारा के सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन स्थापित करने के लिए कंपनियों से जिला प्रशासन ने कोटेशन आमंत्रित किए हैं। यहां पर आक्सीजन प्लांट लबगाने की स्वीकृति भी कलेक्टर वेदप्रकाश ने दे दी है। इन दोनों सेवाओं के लिए एनटीपीसी ने सहायता राशि प्रदान करा रही है।
गाडरवारा के सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाने का रास्ता साफ हो गया है। कलेक्टर वेदप्रकाश ने इस मशीन को मंगाने के लिए देशभर की कंपनियों से कोटेशन आमंत्रित किए हैं। इस मशीन को ऑपरेट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही एमडी रेडियोलॉजिस्ट की अंशकालीन वेतनमान पर नियुक्ति करेगा। इसी तरह यहां पर आक्सीजन प्लांट को भी लगाने की अनुमति जारी कर दी है। ये दोनों ही सौगातें एनटीपीसी गाडरवारा के सहयोग से स्थापित की जा रही हैं। एनटीपीसी ने सीटी स्कैन मशीन के लिए फरवरी माह में ही करीब साढ़े दस लाख रुपये की राशि जिला प्रशासन को दे दी थी, जिसे अप्रेल में रोगी कल्याण समिति गाडरवारा को सुपुर्द की गई है। इस मशीन को लगाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने एकजुटता से प्रयास किए थे, जिसका नतीजा ये रहा कि सिविल अस्पताल में इस मशीन का लगना संभव हो रहा है। मशीन की शेष राशि भी एनटीपीसी द्वारा जमा कराने की बात की जा रही है। इसी तरह एनटीपीसी के सेवा कार्यों के अंतर्गत सिविल अस्पताल में ही आक्सीजन यूनिट लगाने की भी तैयारी की जा रही है।
“जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट इस माह के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। प्लांट के लिए फाउंडेशन लेवल तक का काम हमने करा दिया है, अब अधिकृत कंपनी को यहां अपनी यूनिट लगाना शेष है। कंपनी प्रतिनिधियों ने बताया है कि 20 मई तक विदेश से जरूरी उपकरण आते ही अगले एक हफ्ते में आक्सीजन प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा। इस प्लांट के लगने से जिला अस्पताल में आक्सीजन सिलिंडर पर लगने वाला व्यय बचेगा।”-डॉ. मुकेश जैन, सीएमएचओ, नरसिंहपुर
“जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के प्रयासों से गाडरवारा के सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाने की तैयारी है। यहां पर आक्सीजन प्लांट भी लगाने को मंजूरी दी गई है। ये दोनों सुविधाएं एनटीपीसी के सहयोग से स्थापित की जा रहीं हैं। सीटी स्कैन के लिए हमने विभिन्न कंपनियों से कोटेशन मंगाए हैं। अगले एकाध माह में दोनों सुविधाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।”-वेदप्रकाश, कलेक्टर, नरसिंहपुर