पहले पखवारे में ही 173.8 मिमी वर्षा आलम यह है कि जिले में कहीं तेज झड़ी तो कहीं रिमझिम बारिश का दौर जारी है। हाल ये है कि एक जून से 16 जून तक की अवधि में जिले में औसत रूप से कुल 173.8 मिमी यानी 6.9 इंच वर्षा दर्ज की गई है। 16 जून की सुबह तक बीते 24 घंटे की अवधि में जिले में औसतन 26.2 मिमी वर्षा हुई है। इसमें तहसील नरसिंहपुर में 7 मिमी, गाडरवारा में 27 मिमी, गोटेगांव में 48 मिमी और तेंदूखेड़ा में 49 मिमी वर्षा आंकी गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख के अनुसार बुधवार 16 जून तक तहसील नरसिंहपुर में 183 मिमी, करेली में 135, गाडरवारा में 144 मिमी, गोटेगांव में 147 मिमी और तेन्दूखेड़ा में 260 मिमी वर्षा आंकी गई है। इसी अवधि में पिछले वर्ष जिले में औसतन 96 मिमी अर्थात 3.8 इंच वर्षा हुई थी। इस अवधि में पिछले वर्ष तहसील नरसिंहपुर में 125 मिमी, करेली में 97, गाडरवारा में 66 मिमी, गोटेगांव में 80 मिमी और तेंदूखेड़ा में 112 मिमी वर्षा हुई।
डूब गया इमझिरा पास रपटा पुल लगातार हो रही बारिश के चलते जिले की सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार की रात हुई तेज बारिश से बरांझ नदी उफनाने के कारण इमझिरा पास रपटा पुल डूब गया, जिससे बुधवार की सुबह से शाम तक तेंदूखेड़ा से डोभी मार्ग पर आवागमन बंद रहा। लोग बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार करते रहे ताकि आवागमन सुलभ हो सके।
मूंग की गीली फसल को लेकर किसान चिंतित
रूक-रूककर हो रही बारिश के कारण खेती बुरी तरह से प्रभावित है। किसान पिछले दिनों की भारी बारिश से गीली हुई मूंग की फसल को ठीक से न तो सुखा पा रहे है और न ही जो फसल सूखी है उसकी थ्रेसिंग कर पा रहे है। मौसम का असर जिले की अन्य व्यवसायिक गतिविधियों पर भी दिख रहा है। बाजारो में आवाजाही लगभग ठप है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग बारिश से घर-गृहस्थी और फसलों को सुरक्षित करने में जुटे हुए है।
रूक-रूककर हो रही बारिश के कारण खेती बुरी तरह से प्रभावित है। किसान पिछले दिनों की भारी बारिश से गीली हुई मूंग की फसल को ठीक से न तो सुखा पा रहे है और न ही जो फसल सूखी है उसकी थ्रेसिंग कर पा रहे है। मौसम का असर जिले की अन्य व्यवसायिक गतिविधियों पर भी दिख रहा है। बाजारो में आवाजाही लगभग ठप है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग बारिश से घर-गृहस्थी और फसलों को सुरक्षित करने में जुटे हुए है।
सड़कों पर सन्नाटा
करेली, गाडरवारा, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, नरसिंहपुर तहसील के कई हिस्सो में बारिश की तेज झड़ी के चलते सड़कों पर सन्नाटा छाया है। तेंदूखेड़ा तहसील क्षेत्र में बारिश की स्थिति अच्छी होने से यहां बरांझ, पाणाझिर, सिंदूर आदि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण तेंदूखेड़ा-डोभी मार्ग पर बरांझ और पाणाझिर की बाढ़ का पानी रपटा पुलों को डुबाते हुए मार्ग अवरुद्घ करने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि बुधवार की सुबह से शाम तक मार्ग बंद रहा जिससे लोग आवागमन नहीं कर सके। कई वर्षो से इमझिरा और डोभी के रपटा पुलों को ऊंचा करने मांग हो रही है लेकिन कार्य नहीं हो रहा है।
करेली, गाडरवारा, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, नरसिंहपुर तहसील के कई हिस्सो में बारिश की तेज झड़ी के चलते सड़कों पर सन्नाटा छाया है। तेंदूखेड़ा तहसील क्षेत्र में बारिश की स्थिति अच्छी होने से यहां बरांझ, पाणाझिर, सिंदूर आदि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण तेंदूखेड़ा-डोभी मार्ग पर बरांझ और पाणाझिर की बाढ़ का पानी रपटा पुलों को डुबाते हुए मार्ग अवरुद्घ करने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि बुधवार की सुबह से शाम तक मार्ग बंद रहा जिससे लोग आवागमन नहीं कर सके। कई वर्षो से इमझिरा और डोभी के रपटा पुलों को ऊंचा करने मांग हो रही है लेकिन कार्य नहीं हो रहा है।
कलेक्टर ने की बाढ़ व अतिवृष्टि प्रबंधन की बैठक कलेक्टर वेद प्रकाश की अध्यक्षता में हुई बाढ़ प्रबंधन की जिला स्तरीय बैठक में कलेक्टर ने बाढ़ एवं अतिवृष्टि से बचाव की सभी तैयारियां पुख्ता कर लेने के निर्देश दिए। उन्होंने झांसीघाट, ककरा, झिकोली घाट में बैरियर लगाने व टीनशेड बनाकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने निर्देश दिए। सीएमओ नरसिंहपुर से कहा कि सींगरी के जलभराव वाले क्षेत्र से अतिक्रमण हटाएं।
बाढ और अतिवृष्टि से बचाव को कलेक्टर ने जारी किए ये निर्देश
कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा एवं उसकी सहायक नदियों, तालाबों, नहरों, जलाशयों के आसपास के बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों, गांवों और अन्य स्थलों को चिन्हित कर आवश्यक तैयारियां अभी से पुख्ता कर ली जाएं। इसके तहत इन कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर युद्ध स्तर से किया जाए। इसके लिए तत्काल प्रभाव से कार्य शुरू हो जाएं।
कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा एवं उसकी सहायक नदियों, तालाबों, नहरों, जलाशयों के आसपास के बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों, गांवों और अन्य स्थलों को चिन्हित कर आवश्यक तैयारियां अभी से पुख्ता कर ली जाएं। इसके तहत इन कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर युद्ध स्तर से किया जाए। इसके लिए तत्काल प्रभाव से कार्य शुरू हो जाएं।
बाढ और अतिवृष्टि से बचाव को करने होंगे ये कार्य – तैयार होगा कम्युनिकेशन नेटवर्क
-गांवों और पंचायतों में लाइफ जैकेट और अनाउंसमेंट सिस्टम की व्यवस्था होगी
-होमगार्ड व स्थानीय तैराकों को चिन्हित कर सूचीबद्घ किया जाए
-अनुभाग स्तर पर कंट्रोल रूम बनें
-नगरीय निकायों में कंट्रोल रूम, 24 घंटे के लिए शिफ्टों में लगेगी ड्यूटी
– झांसी घाट, ककरा घाट एवं झिकोली घाट में बैरियर
– टीन शेड बनवाकर लगेगी ड्यूटी
– जिले में 15 जून से 15 सितंबर तक नाव के परिचालन पर रोक
-गांवों और पंचायतों में लाइफ जैकेट और अनाउंसमेंट सिस्टम की व्यवस्था होगी
-होमगार्ड व स्थानीय तैराकों को चिन्हित कर सूचीबद्घ किया जाए
-अनुभाग स्तर पर कंट्रोल रूम बनें
-नगरीय निकायों में कंट्रोल रूम, 24 घंटे के लिए शिफ्टों में लगेगी ड्यूटी
– झांसी घाट, ककरा घाट एवं झिकोली घाट में बैरियर
– टीन शेड बनवाकर लगेगी ड्यूटी
– जिले में 15 जून से 15 सितंबर तक नाव के परिचालन पर रोक
प्रशासन की प्राथमिकताएं
कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उनके आश्रय स्थल चिन्हित कर पीने के पानी, भोजन आदि की व्यवस्था पहले से ही कर ली जाए। आपदा, बाढ; से बचाव और तत्परता से राहत मुहैया कराने के उद्देश्य से संबंधित लोगों के नाम, टेलीफोन- मोबाइल नंबर की सूची अद्यतन रखी जाए। बाढ़ प्रभावित और पहुंचविहीन गांव में दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था हो। सामान्य आशंका वाले गांव और बाढ़ प्रभावित गांव में दवाओं का स्टॉक और विशेष सतर्कता रखी जाएग। जल जनित- मौसमी बीमारियों से बचाव की दवाइयों, ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन की गोलियों आदि का पर्याप्त भंडारण आरोग्य केंद्रों और सभी सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित किया जाए। आपदा प्रबंधन से संबंधित अमले को सतत सक्रिय रहने के निर्देश दिए। बाढ़ के दौरान पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखने, संक्रामक बीमारियों से बचाव के प्रबंध करने कहा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हैंडपंप-पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन कराए। पशुओं के उपचार, टीकाकरण आदि के संबंध में पशु चिकित्सा विभाग आवश्यक प्रबंध करे।
कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उनके आश्रय स्थल चिन्हित कर पीने के पानी, भोजन आदि की व्यवस्था पहले से ही कर ली जाए। आपदा, बाढ; से बचाव और तत्परता से राहत मुहैया कराने के उद्देश्य से संबंधित लोगों के नाम, टेलीफोन- मोबाइल नंबर की सूची अद्यतन रखी जाए। बाढ़ प्रभावित और पहुंचविहीन गांव में दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था हो। सामान्य आशंका वाले गांव और बाढ़ प्रभावित गांव में दवाओं का स्टॉक और विशेष सतर्कता रखी जाएग। जल जनित- मौसमी बीमारियों से बचाव की दवाइयों, ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन की गोलियों आदि का पर्याप्त भंडारण आरोग्य केंद्रों और सभी सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित किया जाए। आपदा प्रबंधन से संबंधित अमले को सतत सक्रिय रहने के निर्देश दिए। बाढ़ के दौरान पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखने, संक्रामक बीमारियों से बचाव के प्रबंध करने कहा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हैंडपंप-पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन कराए। पशुओं के उपचार, टीकाकरण आदि के संबंध में पशु चिकित्सा विभाग आवश्यक प्रबंध करे।
बरगी से पानी छोड़ने की पहले दी जाए सूचना कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिला कमांडेंट होमगार्ड बाढ; प्रभावित गांव में आवश्यक स्टीमर, नाव, लाइफ जैकेट, रस्सी, टार्च, गोताखोर और होमगार्ड की व्यवस्था करेंगे। प्रभावित लोगों को शासकीय भवनों अथवा अन्य चिन्हित स्थलों में ठहराया जाएगा। बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों, जीर्णशीर्ण व खतरे की आशंका वाले मकानों का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए। बरगी डेम से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना संबंधित क्षेत्रों में और सभी संबंधितों को पर्याप्त समय पहले दी जाए। इसके लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाएं। कलेक्टर ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर मकानों को हटाने की कार्रवाई की जाए। नदी के तटवर्ती व बाढ़ की आशंका वाले गांवों में जल स्तर के निशान लगाने व सूचना देने के लिए नामजद ड्यूटी लगाई जाए। इस संबंध में वाट्सएप ग्रुप बनाएं।
अतिक्रमण करने वालो के खिलाफ अभियान कलेक्टर ने सीएमओ नरसिंहपुर को निर्देश दिए कि नगर पालिका क्षेत्र के सींगरी के जल भराव वाले इलाके में अतिक्रमण करके नदी के किनारे रहने वालों को सीएमओ अभियान चलाकर हटवाएं। जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देशित किया कि वे आपदा के समय राहत के लिए दो 407 वाहन पूरी तरह तैयार रखें। उन्होंने नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देशित किया कि वे 10-10 लाइफ जैकेट की व्यवस्था करके रखें। आपदा के समय उपयोगी उपकरण गैती, फावड़ा, कटर, हेलमेट आदि की व्यवस्था पहले से कर लें। सीईओ जनपद सभी ग्राम पंचायत सचिवों को सक्रिय करें। सभी तैयारियां कोरोना गाइड लाइन को ध्यान में रखकर करें। पुल-पुलियो के आसपास आवश्यकतानुसार बैरियर लगवाएं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी जलाशयों एवं निजी तालाबों की लोकेशन को मार्क कर सूची उपलब्ध कराएं और निगरानी के लिए ड्यूटी लगाएं।
ये रहे मौजूद
बैठक में पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव, एडीएम मनोज ठाकुर, सीईओ जिला पंचायत केके भार्गव, एसडीएम प्रमोद सेनगुप्ता, आरएस बघेल, राजेश शाह, निधि सिंह गोहल, संयुक्त कलेक्टर जीसी डेहरिया, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड, एसडीओपी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन व बरगी के अलावा सभी सीईओ, निकायों के सीएमओ व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव, एडीएम मनोज ठाकुर, सीईओ जिला पंचायत केके भार्गव, एसडीएम प्रमोद सेनगुप्ता, आरएस बघेल, राजेश शाह, निधि सिंह गोहल, संयुक्त कलेक्टर जीसी डेहरिया, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड, एसडीओपी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन व बरगी के अलावा सभी सीईओ, निकायों के सीएमओ व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।