नवरात्रि के नौ दिन होते हैं भगवान राम के नौ श्रंगार
नरसिंहपुर•Apr 13, 2019 / 04:45 pm•
ajay khare
Ramnavmi
गाडरवारा। नगर के चावड़ी वार्ड में प्राचीन कालीन श्रीराम मंदिर स्थित है। बड़े सेठ काबरा परिवार के सेठ लक्ष्मीनरायण तथा सेठ जगन्नाथ काबरा एवं परिजनों द्वारा इस मंदिर का निर्माण अब से 107 साल पहले कराकर भगवान राम, लक्ष्मण सीता की प्रतिमाएं स्थापना कराई थी। साथ ही मंदिर में इसी समय से हनुमानजी की भी प्रतिमा मौजूद है। अपनी अनोखी स्थापत्य कला के चलते श्री राम मंदिर अंदर से किसी प्राचीन महल की तरह दिखाई देता है। इस मंदिर को उस दौरान भी वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार बनाया गया था। जिसमें भगवान श्रीराम लक्ष्मण, सीता की प्रतिमाएं एवं मुख्य द्वार पूर्व मुखी है। वहीं मंदिर में दक्षिणमुखी हनुमानजी भी विराजे हैं। काबरा परिवार की चौथी पीढ़ी की देखरेख में मंदिर में निरंतर धार्मिक आयोजन कराए जाते हैं। जिनमें रोजाना सुबह छह बजे, शाम छह बजे एवं रात नौ बजे शयन आरती की जाती है। यहां प्रतिवर्ष रामनवमी, हनुमान जयंती, जन्माष्टमी, डोलग्यारस एवं शरद पूर्णिमा के साथ होली पर आयोजन कराए जाते हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ रामनवमी पर उमड़ती है।
इतिहास बता रहा प्रवेश द्वार का पत्थर
मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक शिलालेख लगा हुआ है। जिसमें मंदिर की स्थापना तिथि वैशाख सुदी 12 रविवार, विक्रम संवत 1969 दर्ज है। वहीं मंदिर बनाने वालों के नाम शिलालेख पर लिखे हैं।
इन्ही कारीगरों ने बनाई धर्मशाला
उल्लेखनीय है कि राम मंदिर की तरह बाहर से स्थापत्यकला बड़े सेठ की धर्मशाला की भी है। जिसके प्रवेश द्वार एवं बाहरी सज्जा लगभग एक जैसी है। कहते हैं बाद में इन्हीं कलाकारों ने देवशांतिनाथ जैन मंदिर भी बनाया।
पूर्वजों ने बनाए थे चार राम मंदिर
काबरा परिवार के वीनू काबरा ने बताया कि उनके पूर्वजों ने केवल यही राम मंदिर नहीं बल्कि तीन जगह और राम मंदिर बनवाए थे। जिनमें से एक बरमान में, दूसरा रिछावर एवं तीसरा पनारी में है।
इसी मंदिर के बाद होता है, नगर का होलिका दहन
बताया गया है कि नगर में सर्वप्रथम होलिका दहन राम मंदिर के समक्ष संपन्न होता है। इसके बाद ही नगर में अन्य जगह होली जलाई जाती है।
दशकों तक मुस्लिम गायक ने गाए भजन
मंदिर में रोजाना शाम सात से नौ बजे तक भजन संध्या होती है। बताया गया है कि अब से कुछ साल पहले तक कामती निवासी भजन गायक मेहबूब खान लगातार 30 साल, मंदिर के भजनों में शामिल होते थे। करीब दो तीन साल पहले इनका निधन हो गया है। मंदिर निर्माण के बाद से ही इसमें काबरा परिवार द्वारा भगवान का पूजन करने पंडितों को लगाया गया है। जो आज भी निरंतर मंदिर में पूजा कर रहे हैं। इसमें अब मार्बल एवं मोजिक टाइल्स लगाए जा चुके हैं। मंदिर में ऊपर कीमती झूमर आदि भी लगे हैं। साथ ही पुटटी का काम जारी है। मंदिर में लगी नक्काशीदार वस्तुओं मेहराब, तोरण द्वार आदि रेडीमेड निर्माण के समय रेडीमेड लाए गए थे। जबसे नगर में बिजली आई, तभी से मंदिर में पंखे लगे हुए हैं। वहीं झूमरों में बल्व लगे हैं।
नवरात्रि में होते हैं श्रंगार
नवरात्रि पर्व के दौरान राम मंदिर में भगवान के नौ रूप श्रंगार तिथि के अनुसार किए जाते हैं। इसमें शुक्रवार को विशेष श्रंगार के तहत मखमल के नए वस्त्रों से श्रंगार किया गया। उक्त श्रंगार शनिवार तक रहेगा।
राम जन्मोत्सव पर हुए यह कार्यक्रम
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी राम नवमी के चलते राम मंदिर में सुबह नौ से 12 बजे तक भजन, तदोपरांत राम जन्म होकर दिन भर प्रसादी वितरण एवं शाम के निर्धारित कार्यक्रम हुए। बता दें कि मंदिर के सौ साल पूरे होने पर वर्ष 2012 में शताब्दी वर्ष मनाया गया था। ऐसे ही अगले साल 108वां स्थापना वर्ष मनाया जाएगा। क्योंकि हिंदू धर्म संस्कृति में 108 का अपना ही महत्व है।
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